मनीषा शर्मा। राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रत्याशियों के पैनल को अंतिम रूप दे दिया है। हर सीट के लिए तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम को फाइनल किया गया है, जिन पर प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में मुहर लगाई गई। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अनुपस्थित रहीं, जबकि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सतीश पूनिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
रविवार को मुख्यमंत्री निवास (सीएमआर) में हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा के साथ-साथ चुनावी रणनीति, माइक्रो मैनेजमेंट और प्रचार की प्रक्रिया पर भी मंथन हुआ। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि बीजेपी एक सामूहिक निर्णय प्रणाली में विश्वास करती है। चुनाव की तैयारियों के साथ प्रदेश सरकार के पिछले 10 महीनों के कामकाज को जनता के बीच प्रस्तुत करने पर भी चर्चा हुई।
उपचुनाव में माइक्रो मैनेजमेंट पर जोर
बैठक में सातों सीटों पर माइक्रो मैनेजमेंट के तहत चुनावी तैयारियों को अंजाम देने पर विशेष जोर दिया गया। प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार अभियान की रूपरेखा तक सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श हुआ। केंद्रीय नेताओं और प्रदेश के प्रमुख नेताओं के दौरे और जनसभाओं के शेड्यूल को भी बैठक में अंतिम रूप दिया गया। पार्टी का प्रयास है कि चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों को मुख्य फोकस में रखा जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारी
राजस्थान सरकार के पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) और पेयजल की पीकेसी योजना के पहले चरण का शिलान्यास भी उपचुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करवाने की योजना बनाई जा रही है। इससे पूर्वी राजस्थान के लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजने और बीजेपी को लाभ दिलाने की कोशिश की जा रही है।
प्रत्याशियों का पैनल फाइनल
प्रदेश बीजेपी ने सातों विधानसभा सीटों के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर दिल्ली भेजने का निर्णय लिया है। अब इस पैनल पर केंद्रीय नेतृत्व की अध्यक्षता में अंतिम फैसला लिया जाएगा। बैठक में यह तय किया गया कि प्रत्याशियों के चयन में सामूहिक सहमति होगी और चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी एकता और सामंजस्य बनाए रखेंगे।
वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बैठक में अनुपस्थिति चर्चाओं का विषय बनी रही। हालांकि, पार्टी के अन्य नेताओं का कहना है कि राजे का चुनावी कार्यक्रम अलग से तय किया जाएगा, और उनकी अनुपस्थिति का चुनावी तैयारियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और सह प्रभारी विजया राहटकर सहित कई वरिष्ठ नेता बैठक में उपस्थित रहे।
किन सीटों पर होने हैं उपचुनाव?
राजस्थान के झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी, खींवसर, सलूंबर और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें से झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, और खींवसर की सीटें लोकसभा चुनाव में विधायकों के जीतने के बाद खाली हुई थीं। सलूंबर सीट पर बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन और रामगढ़ सीट पर कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के कारण चुनाव होना है।
बीजेपी की वर्तमान स्थिति
सात सीटों में से केवल सलूंबर सीट बीजेपी के पास थी, जबकि अन्य सीटें कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के पास थीं। झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला, देवली-उनियारा से हरीश मीणा, और दौसा से मुरारीलाल मीणा कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर अब सांसद बन चुके हैं। वहीं चौरासी से बीएपी के राजकुमार रोत और खींवसर से आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने चुनाव जीता था।
बीजेपी की चुनावी रणनीति
बीजेपी ने उपचुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए माइक्रो मैनेजमेंट और क्षेत्रीय मुद्दों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है। साथ ही, प्रत्याशियों के चयन और चुनावी रणनीति में सामूहिक निर्णय की पद्धति का पालन करते हुए पार्टी एकजुट होकर मैदान में उतरेगी। बीजेपी की डबल इंजन सरकार को और अधिक मजबूत बनाते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।