latest-newsहेल्थ

बीपी और हृदय रोग के मरीजों को हीट स्ट्रोक लगने की आशंका दोगुनी

बीपी और हृदय रोग के मरीजों को हीट स्ट्रोक लगने की आशंका दोगुनी

मनीषा शर्मा। उत्तर भारत में लगातार लू का कहर जारी है। राजस्थान मे गर्मी के तांडव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर पहुँच चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी हीट वेव से हाइपरटेंशन यानी बीपी के मरीजों को बचाने के लिए हरकत में आ गया है। किसी सामान्य व्यक्ति की तुलना में बीपी और हृदय रोग के मरीजों को हीट स्ट्रोक लगने की आशंका दोगुनी होती है।

एम्स जोधपुर के अनुसार  हमारे शरीर का मैकेनिज्म ऐसा है कि जब ज्यादा गरमी पड़ती है तो हमारे शरीर को ठंडा रखने के लिए रक्त का प्रवाह मेजर ऑर्गन से हटकर स्किन में चला जाता है। इससे हार्टबीट बढ़ती है और पसीना भी आता है। इस प्रक्रिया में शरीर से पानी बाहर निकलता है और शरीर डिहाइड्रेट होता है। जो लोग बीपी या हृदयरोग के मरीज हैं, उनकी दवा भी इस तरह से काम करती है कि उन्हें पेशाब ज्यादा आती है। इससे भी शरीर डिहाइड्रेट होता है। ज्यादा गरमी पड़ने पर सामान्य लोगों की तुलना में बीपी और हृदयरोग के मरीज का शरीर ज्यादा तेजी से डिहाइड्रेट होता है और इसलिए उन्हें हीट स्ट्रोक लगने की आशंका बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने हाल में एक बैठक में बीपी के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। हाई बीपी क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) का कारण बनता है। सीकेडी के मामले ज्यादा बढ़े तो उतने मरीजों को डायलिसिस की सुविधा देने की क्षमता अभी देश में मौजूद नहीं है। ऐसे में बेहतर है, हाइपरटेंशन को ही मैनेज कर लिया जाए।

डॉक्टरों का कहना है कि खुद से सावधानी और बचाव हीटवेव से बचने का सबसे सही उपाय है।  अगर आपको सिर दर्द हो रहा है, पसीना ज्यादा आ रहा है, त्वचा बहुत ज्यादा गर्म या ठंडी हो रही है या नौजिया हो रहा है तो समझ लीजिए गरमी असर दिखा रही है। ऐसा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading