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RSS कार्यकर्ताओं पर हमले के आरोपी नसीब चौधरी के घर पर चला बुलडोजर

RSS कार्यकर्ताओं पर हमले के आरोपी नसीब चौधरी के घर पर चला बुलडोजर

शोभना शर्मा। जयपुर में तीन दिन पहले 17 अक्टूबर की रात को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं पर चाकूबाजी करने के आरोपी नसीब चौधरी के घर पर जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने रविवार को बुलडोजर चला दिया। यह कार्रवाई रजनी विहार स्थित उनके घर के उस हिस्से पर की गई, जिसे अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया था। अतिक्रमण हटाने के समय वहां मौजूद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने “जय श्री राम” के नारे लगाए।

घटना का पूरा विवरण

17 अक्टूबर की रात को जयपुर के रजनी विहार स्थित एक मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर जागरण और खीर वितरण का कार्यक्रम चल रहा था। मंदिर के पास रहने वाले नसीब चौधरी ने इस कार्यक्रम पर आपत्ति जताई और खीर के भगोने को लात मार दी, जिससे खीर गिर गई। इस घटना के बाद विवाद बढ़ गया, और हाथापाई के दौरान नसीब चौधरी और उनके बेटे भीष्म चौधरी ने चाकुओं से हमला करते हुए आठ लोगों को घायल कर दिया।

घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नसीब चौधरी, उनके बेटे भीष्म और पत्नी निर्मला चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। घटना का वीडियो मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जिससे इन पर लगे आरोप पुख्ता हुए।

हमले के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया

आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हुए इस हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता तुरंत सक्रिय हो गए। हमले में घायल कार्यकर्ताओं को देखने के लिए रात में ही भाजपा के कई नेता एसएमएस अस्पताल पहुंचे, जिनमें पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, भजनलाल शर्मा, कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और विधायक गोपाल शर्मा शामिल थे। नेताओं ने घायलों की स्थिति का जायजा लिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

जेडीए की कार्रवाई और बुलडोजर का उपयोग

हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद, जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने नसीब चौधरी के घर के पास स्थित मंदिर और पार्क की जमीन पर हुए अतिक्रमण की जांच शुरू की। जेडीए ने नसीब चौधरी को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया था। जब नसीब चौधरी ने कोई जवाब नहीं दिया, तो 24 घंटे पूरे होने पर जेडीए ने उनके घर के अतिक्रमण वाले हिस्से को ध्वस्त कर दिया।

गौरतलब है कि जब जेडीए की यह कार्रवाई हो रही थी, उस समय नसीब चौधरी, उनका बेटा भीष्म और पत्नी निर्मला चौधरी जेल में थे। इसलिए वे न तो नोटिस का जवाब दे सके और न ही कार्रवाई को रोकने का प्रयास कर सके। बुलडोजर चलाते समय, मौके पर मौजूद कई आरएसएस कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम के नारे लगाए, जिससे माहौल में धार्मिक और राजनीतिक रंगत आ गई।

मंदिर विवाद से उपजा संघर्ष

इस पूरे प्रकरण की जड़ एक पुराने विवाद से जुड़ी है। नसीब चौधरी और मंदिर प्रबंधन के बीच जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए चौधरी परिवार के खिलाफ कई बार शिकायतें की गई थीं। नसीब चौधरी द्वारा मंदिर के कार्यक्रम में बाधा डालने और खीर को गिराने की घटना ने विवाद को और भड़का दिया, जिससे यह गंभीर झगड़ा हो गया।

घटना के बाद की स्थिति

नसीब चौधरी और उनके परिवार को चाकूबाजी और हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस बीच, जेडीए की कार्रवाई ने मामले को और गरमा दिया है। जनता और राजनीतिक दलों के बीच इस मामले को लेकर चर्चा बढ़ गई है। आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हुए हमले के बाद जेडीए द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि सरकार और प्रशासन ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतेंगे।

भविष्य की उम्मीदें

अब इस पूरे मामले में जनता की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन इस विवाद को कैसे हल करते हैं। मंदिर के पास अतिक्रमण हटाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस क्षेत्र में शांति बहाल होगी। हालांकि, आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले के आरोपियों को कड़ी सजा मिलने की मांग उठ रही है, जिससे इस मामले का न्यायिक पक्ष भी महत्वपूर्ण हो गया है।

 

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