मनीषा शर्मा। राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। टिकट दावेदारों के चयन को लेकर बुधवार को जयपुर स्थित कांग्रेस वॉर रूम में बड़ी बैठक बुलाई गई है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य इन सीटों पर फीडबैक लेना और उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन करना है। बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी, जिसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
इन सीटों पर होगा फीडबैक
बैठक में जिन विधानसभा सीटों पर चर्चा होगी, उनमें झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूम्बर, चौरासी, और रामगढ़ शामिल हैं। ये सीटें विभिन्न कारणों से खाली हुई हैं, जिनमें सांसद बनने वाले विधायकों और कुछ विधायकों के निधन शामिल हैं। इन सातों सीटों में से 6 कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के पास थीं, जबकि एक सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास थी।
हालांकि, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएपी) से गठबंधन था, लेकिन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस अपने बल पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
उपचुनाव की प्रमुख सीटें
- देवली-उनियारा विधानसभा सीट: कांग्रेस विधायक हरीश मीणा अब सांसद बन चुके हैं, जिसके कारण यह सीट खाली हुई है।
- दौसा विधानसभा सीट: कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा भी सांसद बन चुके हैं, इसलिए यहां उपचुनाव होगा।
- झुंझुनूं विधानसभा सीट: कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त हो गई है।
- चौरासी विधानसभा सीट: बीएपी विधायक राजकुमार रोत अब सांसद बन चुके हैं।
- खींवसर विधानसभा सीट: आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल अब सांसद बन चुके हैं।
- सलूम्बर विधानसभा सीट: बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण यह सीट खाली हो गई है।
- रामगढ़ विधानसभा सीट: कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई है।
रामगढ़ सीट पर दूसरी बार उपचुनाव
अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर दूसरी बार उपचुनाव होगा। पिछली बार 2018 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह की मौत के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। बाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जुबेर खान ने जीत हासिल की थी, लेकिन उनके निधन के बाद अब यह सीट फिर से खाली हो गई है।
कांग्रेस की तैयारी और संभावित रणनीति
कांग्रेस इस बार इन सातों सीटों पर पूरी मजबूती से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। वॉर रूम में होने वाली बैठक में प्रदेश के प्रमुख नेताओं से इन सीटों पर फीडबैक लिया जाएगा। दावेदारों के नाम पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर उम्मीदवार तय किए जाएंगे।