शोभना शर्मा। शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई दिशा देने वाले कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन, कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने और नई औद्योगिक नीतियों के साथ-साथ प्रदेश के विकास से जुड़े अन्य विषयों पर निर्णय लिया गया।
आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए 9 नई नीतियां
राजस्थान कैबिनेट ने प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए 9 नई नीतियों को मंजूरी दी। ये नीतियां उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेशकों को आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं।
7वें राज्य वित्त आयोग का गठन
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के लिए 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन का अनुमोदन किया गया।
- अवार्ड अवधि: यह आयोग 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक प्रभावी रहेगा।
- लाभ: पंचायत और नगरपालिका कर्मचारियों को इस आयोग का सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनके वेतन और भत्तों में सुधार होगा।
वेतन विसंगति और सुधार
वेतन विसंगति दूर करने और कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदोन्नति के अवसर प्रदान करने हेतु कैबिनेट ने सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी।
- मुख्यमंत्री ने पहले ही 1 सितंबर 2024 से इन सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की थी।
- यह कदम कर्मचारियों के लंबे समय से चले आ रहे वेतन संबंधी असंतोष को दूर करेगा।
बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों का गठन
बैठक में बीकानेर और भरतपुर जैसे महत्वपूर्ण शहरों में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
- उद्देश्य: इन प्राधिकरणों के माध्यम से शहरी विकास को और बेहतर बनाना और नागरिक सुविधाओं को सुदृढ़ करना।
- अध्यादेश: इसके लिए एक विशेष अध्यादेश लाया जाएगा।
विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन
राज्य सरकार ने विभिन्न सेवाओं से संबंधित नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया।
- ये संशोधन कर्मचारियों के प्रमोशन, नियुक्ति और अन्य सेवाओं के लिए अधिक अनुकूल और पारदर्शी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करेंगे।
धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2024
बैठक में “द राजस्थान प्रोहेबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन बिल 2024” को पेश करने का निर्णय लिया गया।
- उद्देश्य: जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना।
- यह विधेयक समाज में धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा
कैबिनेट ने वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा की। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय आवंटन और प्रदेश की योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।
प्रदेश के विकास के लिए नए दृष्टिकोण
इस कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले राजस्थान के समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
औद्योगिक और आर्थिक नीतियां: ये नीतियां रोजगार के अवसर बढ़ाने और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर केंद्रित हैं।
वेतन सुधार: सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए।
विकास प्राधिकरण: बीकानेर और भरतपुर जैसे शहरों में शहरी विकास के नए आयाम खुलेंगे।
धार्मिक स्वतंत्रता: जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सख्त कानून प्रस्तावित किया गया है।