शोभना शर्मा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। यह बैठक राज्य की जनता और अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई। कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा और मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ये निर्णय राजस्थान के विकास की दिशा में नए आयाम जोड़ने वाले हैं। बैठक में 9 नीतियों को मंजूरी दी गई, जिनका मुख्य उद्देश्य राज्य की आर्थिक प्रगति और सामाजिक सुधार करना है।
भरतपुर और बीकानेर बने विकास प्राधिकरण
कैबिनेट की इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला भरतपुर और बीकानेर को विकास प्राधिकरण घोषित करना था। इन दोनों जिलों में अब नगरीय विकास की प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा। इससे न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि इन क्षेत्रों में रोजगार और निवेश के नए अवसर भी खुलेंगे। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि भरतपुर और बीकानेर जैसे प्रमुख शहरों में विकास प्राधिकरण की स्थापना से शहरी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा। इन क्षेत्रों में आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
आर्थिक विकास की योजनाएं
कैबिनेट बैठक में राज्य की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कई नीतियों को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान की जीडीपी को 8% तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत राजस्थान एमएसएमई नीति 2024, निर्यात संवर्धन नीति, और एक जिला एक उत्पादन नीति को लागू किया जाएगा। राजस्थान एमएसएमई नीति 2024 का मुख्य उद्देश्य छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देना है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि राज्य में औद्योगिक उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।
खनिज नीति और एमसेंड नीति 2024
खनिज नीति 2024 के तहत बजरी माफिया की समस्या को हल करने के लिए एमसेंड (मैन्युफैक्चर्ड सैंड) नीति लाई गई है। मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता लाना और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।
पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान पर्यटन नीति 2024 को मंजूरी दी गई। यह नीति राज्य के पर्यटन स्थलों को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर केंद्रित है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान सरकार ने नवीन ऊर्जा नीति को मंजूरी दी है। इसके तहत ग्रीन हाउस परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा और राज्य को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी बनाया जाएगा।
शिक्षा और रोजगार में सुधार
कैबिनेट ने आरएसी और मेवाड़ भील कोर में कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता को 10वीं से बढ़ाकर 12वीं कर दिया है। यह कदम पुलिस विभाग में योग्य और शिक्षित युवाओं की भर्ती सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, यूनानी और आयुर्वेदिक विभाग में भर्ती के लिए RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) के माध्यम से नई प्रक्रिया लागू की जाएगी।
दलितों की जमीन के कन्वर्जन पर रियायतें
राज्य सरकार ने दलित समुदाय की जमीनों के कन्वर्जन की प्रक्रिया को बेहद सरल और कम लागत वाली बना दिया है। इस कदम से दलित समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
प्रोत्साहन नीति और निर्यात संवर्धन
राजस्थान सरकार ने निर्यात संवर्धन और प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य राज्य को निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी बनाना और राजस्थान को देश के शीर्ष 10 निर्यातक राज्यों में शामिल करना है। राज्य के पारंपरिक उद्योग जैसे कि जेम्स, ज्वेलरी, और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लाई जाएंगी। राजस्थान कैबिनेट ने 7वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दी है। यह आयोग राज्य के राजस्व और व्यय के बेहतर प्रबंधन के लिए सिफारिशें करेगा।
नवीन राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा योजना
यह योजना अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इसके तहत सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।