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महिला टीचर से मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर 12.80 लाख की ठगी

महिला टीचर से मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर 12.80 लाख की ठगी

शोभना शर्मा। अजमेर में महिला टीचर के साथ डिजिटल ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है। एक ठग ने महिला को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने और जेल जाने का डर दिखाते हुए 12.80 लाख रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित महिला ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

ठगी की शुरुआत:

पीड़िता, जो मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल में इंग्लिश टीचर हैं, ने बताया कि 25 अगस्त 2024 को उसके पास एक अज्ञात कॉल आई। कॉलर ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताया और उसका मोबाइल नंबर बंद करने की धमकी दी। कॉलर ने कहा कि महिला के खिलाफ कनाडा में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है।

क्राइम ब्रांच अधिकारी के रूप में ठग:

इसके बाद, महिला को व्हाट्सएप पर एक और कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कॉलर ने अपना नाम विजय खन्ना बताया और कहा कि महिला के खिलाफ कनाडा में एफआईआर दर्ज की गई है। ठग ने महिला को फर्जी दस्तावेज दिखाए और उसे जेल जाने का डर दिखाकर मानसिक दबाव डाला।

डिजिटल अरेस्ट और डिजिटल कोर्टरूम:

ठग ने महिला को झांसे में लेने के लिए उसे डिजिटल अरेस्ट करने का नाटक किया और डिजिटल कोर्ट रूम सेटअप का दावा किया। महिला को बताया गया कि अगर वह जेल जाने से बचना चाहती है, तो उसे किसी से भी इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। ठग ने पीड़िता से चार अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिए कुल 12.80 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए।

ठगी का पता चलना:

पीड़िता ने बताया कि ट्रांजैक्शन के बाद ठग ने दावा किया था कि यह रकम जल्द ही वापस कर दी जाएगी। लेकिन जब महिला ने वापस कॉल किया, तो ठग ने उसका कॉल उठाना बंद कर दिया। इसके बाद महिला को समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है और तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

साइबर पुलिस की जांच:

महिला टीचर की शिकायत के आधार पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इस ठगी के तरीके को नया और अत्याधुनिक बताया है, जिसमें ठगों ने डिजिटल माध्यम से फर्जी कोर्ट और गिरफ्तारी जैसी बातें कर पीड़िता को भ्रमित किया।

बढ़ते साइबर क्राइम:

यह घटना बताती है कि साइबर क्राइम किस हद तक जटिल और खतरनाक हो चुका है। ठगों ने महिला को मानसिक रूप से इतना परेशान कर दिया कि वह बिना जांच-पड़ताल किए ही पैसे ट्रांसफर कर बैठी। डिजिटल अरेस्ट और डिजिटल कोर्टरूम जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर ठगों ने महिला के डर का फायदा उठाया।

कैसे बच सकते हैं ठगी से:

इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए यह जरूरी है कि जब भी कोई अज्ञात व्यक्ति सरकारी अधिकारी या कानून प्रवर्तन एजेंसी से होने का दावा करे, तो तुरंत उसकी सत्यता की जांच की जाए। किसी भी मामले में बिना सत्यापन के पैसे ट्रांसफर न करें।

ठगी के बाद क्या करें:

अगर आपको ऐसा लगता है कि आप ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही अपने बैंक और संबंधित वित्तीय संस्थान से संपर्क कर लेन-देन को रोकने का प्रयास करें।

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