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मुख्यमंत्री भजनलाल ने ‘कैच द रेन’ अभियान की सराहना की

मुख्यमंत्री भजनलाल ने ‘कैच द रेन’ अभियान की सराहना की

शोभना शर्मा । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को गुजरात के सूरत में आयोजित जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी जल संरक्षण की पहल ‘कैच द रेन’ अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल संचय के क्षेत्र में यह कैम्पेन देश के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि जल संचय के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह अभियान जन आंदोलन का रूप लेगा। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जल संरक्षण में जन भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए इस अभियान से हर वर्ग को जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी की अनूठी पहल बताया जो देशभर में जल संचय को मजबूती प्रदान करेगी।

राजस्थान के जल संकट को समझा प्रधानमंत्री ने

शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान की जल आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2003 में, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, प्रदेश को नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाया था। इस कदम से राजस्थान के कई हिस्सों में जल संकट का समाधान हुआ। उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) का एमओयू साइन हुआ। इसके साथ ही हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौता भी प्रधानमंत्री की पहल पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजस्थान के उदयपुर जिले के लिए देवास परियोजना के तहत जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, जिससे क्षेत्र में पानी की कमी को दूर किया जा सकेगा।

सदियों से राजस्थान में जल संरक्षण एक परंपरा

मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थान के लोगों की परंपरागत जल संरक्षण विधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजस्थान में जल हमेशा से एक अनमोल संसाधन रहा है। सदियों से हमारे पूर्वजों ने सीमित संसाधनों में जल संरक्षण की आवश्यकता को समझते हुए टांके, तालाब, खड़ीन, नाड़ियां, पाट, जोहड़ और बावड़ी जैसी संरचनाओं का निर्माण किया। उन्होंने बताया कि आज भी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में वर्षा जल संग्रहण के लिए इन पारंपरिक विधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि राजस्थान के लोग सदियों से जल संचय को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘कैच द रेन’ अभियान इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

प्रवासी राजस्थानियों का योगदान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत राजस्थान के हर गांव में कम से कम चार जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण प्रवासी उद्यमियों के सहयोग से किया जाएगा। यह पहल राजस्थान के जल संकट को दूर करने और जल संचय के प्रयासों को मजबूती प्रदान करने में मददगार साबित होगी। शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी अपने मूल स्थान के प्रति हमेशा से समर्पित रहे हैं और उनका योगदान इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0

शर्मा ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के बारे में बात करते हुए कहा कि इस अभियान के पहले चरण में 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख 10 हजार से अधिक जल संरक्षण कार्य किए जा रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से राज्य में जल संरक्षण और जल स्वावलंबन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। शर्मा ने यह भी बताया कि इस साल अच्छी वर्षा होने से राजस्थान के बांध पूरी तरह से भर चुके हैं, जिससे जल संकट को काफी हद तक दूर किया जा सका है।

मोदी सरकार की नीतियों की सराहना

मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद आए बदलावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश ने इस दौरान विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। गरीब कल्याण योजनाओं, आतंकवाद और नक्सलवाद के खात्मे और देश की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा की सभी ने सराहना की है। प्रधानमंत्री मोदी की विकास योजनाएं और दूरदर्शी सोच देश को हर क्षेत्र में आगे ले जा रही हैं।

इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और सांसद लुंबाराम चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और प्रवासी राजस्थानी मौजूद थे।  इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने जल संचय की आवश्यकता पर जोर दिया और ‘कैच द रेन’ अभियान को सफल बनाने में जन भागीदारी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

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