शोभना शर्मा। इस उपचुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत का सबसे बड़ा श्रेय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दिया जा रहा है। सीएम शर्मा ने शुरू से ही नेतृत्व की बागडोर अपने हाथों में रखी और प्रत्येक सीट पर व्यक्तिगत रूप से रणनीति बनाई।
माइक्रो मैनेजमेंट: जीत की कुंजी
सीएम भजनलाल शर्मा का माइक्रो मैनेजमेंट इस जीत का सबसे अहम पहलू था।
- सटीक प्रत्याशी चयन: मुख्यमंत्री ने भाजपा संगठन के मुखिया मदन राठौड़ के साथ मिलकर स्थानीय और जिताऊ चेहरों का चयन किया।
- बागियों को मनाने में सफलता: खींवसर, सलूंबर, रामगढ़, और झुंझुनू जैसी सीटों पर सीएम ने व्यक्तिगत रूप से बागी नेताओं को मनाया, जिससे पार्टी को बड़ी बढ़त मिली।
- सामाजिक समीकरण: सीएम ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक आधार को ध्यान में रखकर नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी।
चुनावी रणनीति: सीएम ने खुद संभाली कमान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपचुनाव में भाजपा की रणनीति का नेतृत्व खुद किया।
- सभी सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए रणनीति सीएम आवास पर बनाई गई।
- बूथ स्तर तक सीएम ने फीडबैक लिया।
- पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों, और मंत्रियों को चुनावी क्षेत्रों में विशेष जिम्मेदारी दी गई।
- नामांकन से लेकर प्रचार तक, सीएम खुद सक्रिय रहे।
प्रचार अभियान: मुख्यमंत्री की सक्रियता
सीएम शर्मा ने प्रचार अभियान की कमान भी अपने हाथ में रखी।
- उन्होंने सातों विधानसभा क्षेत्रों में 14 से अधिक बड़ी चुनावी सभाएं और रैलियां कीं।
- बूथ, मंडल, और शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संपर्क बनाए रखा।
- उन्होंने कांग्रेस सरकार की नाकामी और भाजपा सरकार के विकास कार्यों को चुनावी मुद्दा बनाया।
चुनावी सभाओं में मुख्य मुद्दे:
- भाजपा सरकार की उपलब्धियां: मुख्यमंत्री ने अपने 11 महीने के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों और जनता के लिए चलाई गई योजनाओं को प्रमुखता से पेश किया।
- कांग्रेस की विफलताएं: कांग्रेस सरकार की कथित मिस मैनेजमेंट और भ्रष्टाचार को उजागर किया गया।
- स्थानीय मुद्दों का समाधान: प्रत्येक क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत के कारण
भाजपा की जीत के कारण:
- मजबूत नेतृत्व: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सशक्त नेतृत्व और रणनीति।
- प्रत्याशी चयन: सही और जिताऊ उम्मीदवारों का चयन।
- बूथ स्तर पर सक्रियता: कार्यकर्ताओं और बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करना।
- सामाजिक समीकरण: विभिन्न जातियों और समुदायों को साधने में सफलता।
- जनता का भरोसा: 11 महीने में भाजपा सरकार ने जनता के बीच विश्वास पैदा किया।
कांग्रेस की हार के कारण:
- टिकट वितरण में गड़बड़ी: गलत उम्मीदवारों के चयन ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया।
- गठबंधन की कमी: कांग्रेस ने बिना गठबंधन के चुनाव लड़ा, जिससे वह कमजोर पड़ी।
- बागियों की नाराजगी: पार्टी बागी नेताओं को मनाने में विफल रही।
- प्रचार की कमी: कांग्रेस के बड़े नेता अन्य राज्यों में व्यस्त रहे।
- स्थानीय मुद्दों की अनदेखी: जनता के स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज किया गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विजयी मॉडल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नेतृत्व, माइक्रो मैनेजमेंट, और रणनीति राजस्थान भाजपा के लिए जीत का मॉडल बन चुका है। उनके इस मॉडल में जो प्रमुख पहलू शामिल थे:
जमीनी स्तर पर काम: बूथ से लेकर विधानसभा स्तर तक व्यक्तिगत निगरानी।
प्रभावी संवाद: पार्टी कार्यकर्ताओं, विधायकों, और सामाजिक नेताओं के साथ सीधा संपर्क।
समर्पण: सीएम ने नामांकन से लेकर रैलियों तक सक्रिय भूमिका निभाई।