मनीषा शर्मा। राजस्थान के जयपुर में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में प्रदेश को निवेश के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी मिली है। इस कार्यक्रम का आयोजन आरआईसी सेंटर में किया गया, जिसमें जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक के 263 निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन किए गए। इस मीट का उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना और छोटे से लेकर बड़े उद्यमों के माध्यम से राज्य में आर्थिक प्रगति को मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री भजनलाल ने इस मौके पर कांग्रेस के छोटे एमओयू को लेकर किए गए तंज का करारा जवाब देते हुए कहा, “कोई भी बड़ा काम छोटे कदमों से ही शुरू होता है। आप भी पहले छोटे थे और धीरे-धीरे बड़े हुए हैं।” उनका कहना था कि छोटे निवेश प्रस्तावों को भी महत्व देने का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर छोटे उद्योगों का विकास करना है ताकि स्थानीय लोगों को उनके ही गांव और कस्बों में रोजगार मिल सके।
जिला स्तर पर निवेश का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने हर जिले में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया ताकि व्यापारियों को सहूलियत मिले और वह अपनी इकाइयों को अपने राज्य में ही स्थापित कर सकें। अब तक राज्य सरकार ने देश-विदेश में कुल 18 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं। इस निवेश से राजस्थान के कई क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिला है और रोजगार के नए अवसर बने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि स्थानीय व्यापारियों को भी बड़े शहरों की ओर न जाना पड़े। प्रदेश के छोटे जिलों और कस्बों में भी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हों ताकि लोगों को बाहर नौकरी की तलाश में न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि छोटे निवेशों से ही बड़े उद्देश्यों की पूर्ति होती है, और इसीलिए सभी एमओयू को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
2 लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
इस समिट की जानकारी देते हुए जिले की प्रभारी सचिव अर्पणा अरोड़ा ने कहा कि आज 45 हजार 536 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए गए। इन प्रस्तावों के जमीन पर उतरने के बाद 2 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा। विभिन्न क्षेत्रों जैसे जेम्स एंड ज्वेलरी, मेडिकल, स्पोर्ट्स, गारमेंट, वेयरहाउस, ई-वेस्ट, केबल, रीयल एस्टेट, ऑयल रिफाइनरी और टेक्सटाइल के निवेशकों ने नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की रुचि दिखाई है।
प्रमुख एमओयू और निवेश के क्षेत्र
समिट में कई बड़े उद्योगपतियों और निवेशकों ने हिस्सा लिया। इस मीट में कुछ प्रमुख निवेशों की घोषणा की गई जैसे कि जैम्स बूर्स ने 11 हजार करोड़, गो अभ्यारण ने 3 हजार करोड़, ऑयल रिफाइनरी के लिए 1 हजार 500 करोड़, एवीए इडिबल ऑयल ने 1 हजार 200 करोड़, क्रेडाई ने 1 हजार करोड़ और मंगलम समूह ने औद्योगिक पार्क के लिए 1 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव रखा।
इन सभी निवेशों से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
वन नेशन, वन टेरिफ की मांग
इस मीट में उपस्थित कुछ उद्यमियों ने सरकार से वन नेशन-वन टेरिफ की मांग भी उठाई। उनका कहना था कि उद्योगों की स्थापना के बाद बिजली की लागत एक बड़ी समस्या बन जाती है। उद्योगपतियों ने सुझाव दिया कि पूरे देश में बिजली की दरें समान होनी चाहिए ताकि सभी उद्योगों को समान रूप से लाभ मिल सके।
उद्योगपतियों ने कहा कि बिजली की दरों में असमानता होने के कारण कई बार छोटे उद्योगों को नुकसान होता है और उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता में कमी आती है। वन नेशन, वन टेरिफ नीति अपनाने से उद्योगों को एक स्थिर आधार मिलेगा और इससे उद्योगों की स्थापना में मदद मिलेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सीएम का बयान
इस मीट के दौरान कांग्रेस द्वारा लगाए गए तंज पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि छोटे एमओयू भी महत्वपूर्ण होते हैं और यही शुरुआत बड़े बदलावों की ओर ले जाती है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति या कार्य छोटे से शुरू होता है और धीरे-धीरे बड़ा होता है। उनके इस बयान को कांग्रेस के छोटे एमओयू पर किए गए तंज के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
समारोह में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस इन्वेस्टर्स मीट में कई अन्य प्रमुख हस्तियां भी शामिल हुईं, जिनमें कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, मेयर कुसुम यादव, जिला प्रमुख रमा चौपड़ा, विधायक गोपाल शर्मा, कैलाश वर्मा और मुख्य सचिव सुधांश पंत भी मौजूद रहे। इनके अलावा, विभिन्न उद्योग मंडलों के प्रतिनिधि और व्यापार जगत के अग्रणी लोग भी इस आयोजन में शामिल हुए।