Shobhna Sharma. भारत में तीर्थ यात्रा का विशेष महत्व है, जो न केवल आध्यात्मिक संतुष्टि प्रदान करती है, बल्कि मानसिक शांति और नई ऊर्जा का भी संचार करती है। हमारे देश में तीर्थ स्थलों की सांस्कृतिक और धार्मिक महिमा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष की पहली विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर मदुरई और रामेश्वरम् के लिए रवाना किया।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ यात्रा हर व्यक्ति के जीवन में एक विशेष स्थान रखती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के माध्यम से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जो लोग आर्थिक अभाव के कारण तीर्थ यात्रा नहीं कर पाते, उनके लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: हमारी संस्कृति के संरक्षक
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्रों को संरक्षित और विकसित किया है। उन्होंने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण को सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में अद्वितीय कार्य बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री को हमारी संस्कृति के संरक्षक के रूप में प्रशंसा की और कहा कि उनके नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत को नए आयाम मिले हैं।
36 हजार वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार इस साल 36 हजार वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का लाभ प्रदान करेगी। इनमें से 15 हजार तीर्थ यात्रियों को अयोध्या और बाकी 15 हजार को अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी। इन तीर्थ स्थलों में रामेश्वरम्, मदुरई, जगन्नाथपुरी, तिरूपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णो देवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन, उज्जैन-ओंकारेश्वर जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार 6 हजार वरिष्ठ नागरिकों को काठमांडू (नेपाल) स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की हवाई यात्रा भी करवाएगी।
यात्रा की सभी व्यवस्थाएं जैसे आवागमन, परिवहन, भोजन, और आवास की समस्त सुविधाएं राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना पर कुल 80 करोड़ रुपये का व्यय होने का अनुमान है। यह योजना न केवल तीर्थ यात्रियों के लिए लाभकारी है, बल्कि राज्य सरकार के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के प्रयासों का भी प्रतीक है।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का योगदान
इस अवसर पर देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की और कहा कि राज्य सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य बजट में प्रमुख धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों के विकास के लिए की गई घोषणाओं को भी उल्लेखनीय बताया। इसके साथ ही, प्रदेश के 600 मंदिरों में त्योहारों के दौरान सजावट के लिए 13 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी गई है।
780 वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा रामेश्वरम् दर्शन का लाभ
जयपुर से मदुरई एवं रामेश्वरम् के लिए रवाना हुई विशेष ट्रेन में 780 वरिष्ठ नागरिक शामिल थे, जो कि जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर और कोटा जिलों से हैं। इस 7 दिवसीय यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रत्येक कोच में 2 सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही, यात्रियों के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए ट्रेन में एक डॉक्टर, 2 नर्सिंग अधिकारी और सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं।
समारोह में प्रमुख व्यक्ति
इस अवसर पर सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ, बालमुकुंदाचार्य, गोपाल शर्मा, जयपुर ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर, देवस्थान विभाग की शासन सचिव शैली किशनानी, उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम विकास पुरवार सहित वरिष्ठ तीर्थयात्रीगण और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम राज्य सरकार की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और विकसित करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का शुभारंभ राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे उन्हें धार्मिक स्थलों की यात्रा का अवसर मिल सकेगा। इस योजना के तहत 36 हजार वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी, जो राज्य सरकार के सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के प्रयासों की भी सराहना की गई, जो कि इस कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से उजागर किया गया।