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महाराणा प्रताप सेना के प्रमुख ने उठाए दरगाह पर सवाल

महाराणा प्रताप सेना के प्रमुख ने उठाए दरगाह पर सवाल

मनीषा शर्मा, अजमेर।  महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने हाल ही में एक वीडियो जारी करते हुए अजमेर दरगाह को हिंदू पवित्र मंदिर बताया और इसके समर्थन में कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही। उनके अनुसार, यह याचिका पहले से राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है और इसे लेकर कमेटी का गठन भी हो चुका है।

कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय
राजवर्धन सिंह परमार ने कहा कि उन्हें अजमेर पहुंचकर कोर्ट में वाद दायर करना था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने बताया कि उनके वकील और महाराणा प्रताप सेना के प्रदेशाध्यक्ष पहले ही कोर्ट पहुंच चुके हैं और उनकी अनुपस्थिति में याचिका दायर की जाएगी। परमार ने यह भी कहा कि वे अपने दावे के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। उनका दावा है कि अजमेर दरगाह वास्तव में एक हिंदू पवित्र मंदिर है, जिसे ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर स्थापित किया जा सकता है।

अजमेर का नाम बदलने की मांग
परमार ने अजमेर का नाम बदलकर पुष्कर सिटी रखने की भी मांग की है। उनके अनुसार, पुष्कर धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अधिक महत्वपूर्ण स्थान है और इसे सही पहचान मिलनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने पुष्कर में एक भव्य कॉरिडोर बनाने की मांग भी रखी है, जिससे क्षेत्र को पर्यटन और धार्मिक दृष्टिकोण से और अधिक समृद्ध किया जा सके।

ढाई दिन के झोपड़े का नाम बदलने की मांग
परमार ने यह भी मांग की है कि “ढाई दिन का झोपड़ा” का नाम बदलकर “संस्कृत महाविद्यालय” रखा जाए। उन्होंने इसे ऐतिहासिक विरासत से जोड़ते हुए कहा कि यह स्थान एक समय पर संस्कृत महाविद्यालय के रूप में कार्यरत था और इसे उसी रूप में पुनर्जीवित किया जाना चाहिए।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जांच की मांग
राजवर्धन सिंह परमार ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि अजमेर दरगाह और अन्य ऐतिहासिक स्थलों की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से जांच करवाई जाए। उनका कहना है कि ऐतिहासिक साक्ष्यों और पुरातत्व रिपोर्ट्स से यह स्पष्ट हो सकता है कि दरगाह का इतिहास क्या है और क्या यह वास्तव में एक हिंदू मंदिर था।

राष्ट्रपति को ज्ञापन और कमेटी का गठन
परमार ने 31 जनवरी 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भेजा था, जिसमें उन्होंने अजमेर से संबंधित कई मांगें रखी थीं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने इस विषय पर विचार करते हुए एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी इन मुद्दों पर गहन अध्ययन और जांच करेगी।

हिंदू मंदिर होने का दावा
परमार ने अपने वीडियो में यह स्पष्ट किया कि अजमेर दरगाह एक पवित्र हिंदू मंदिर है और इसे उसी रूप में पहचाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और विवाद
राजवर्धन सिंह परमार के इस बयान और याचिका ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। जहां हिंदू संगठनों ने उनके इस कदम का समर्थन किया है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न मुस्लिम और धर्मनिरपेक्ष संगठनों ने इसे धार्मिक सौहार्द्र के खिलाफ बताया है।

 

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