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गहलोत सरकार के फैसलों पर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग का तीखा हमला

गहलोत सरकार के फैसलों पर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग का तीखा हमला

मनीषा शर्मा।  राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के फैसलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने बिना किसी उचित प्रक्रिया के 19 जिले बना दिए, जिससे राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा है। गर्ग ने यह बयान बाड़मेर के एक दिवसीय दौरे के दौरान दिया। अंबेडकर कॉलोनी में मेघवाल समाज के एक हॉस्टल में आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। गर्ग ने कहा, “राजस्थान के इतिहास में इसे सबसे बचकाना और अव्यवस्थित निर्णयों में गिना जाएगा।”

जिला निर्माण प्रक्रिया पर सवाल

जोगेश्वर गर्ग ने जिला निर्माण की प्रक्रिया को लेकर गहलोत सरकार की आलोचना की। उन्होंने बताया कि एक नया गांव बनाने के लिए भी कई चरणों में काम होता है, जिसमें स्थानीय अधिकारियों से रिपोर्ट, नक्शा निर्माण, और आपत्तियों को लेकर प्रक्रिया शामिल है। उन्होंने कहा, “मैंने 5-7 गांवों को बनाने की सिफारिश की थी, और कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए समय चाहिए। लेकिन गहलोत सरकार ने रातों-रात बिना किसी प्रक्रिया के 19 जिले बना दिए।” गर्ग ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव और त्वरित लाभ के लिए जिले बनाए गए, जिनमें से कुछ की कोई ऐतिहासिक या प्रशासनिक जरूरत नहीं थी।

सांचौर जिले को लेकर टिप्पणी

गर्ग ने सांचौर जिले के गठन को लेकर मजाकिया लहजे में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई को रात में जगाकर सांचौर को जिला बना दिया। गर्ग ने इसे अव्यवस्थित और जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया। उन्होंने कहा, “जब ऐसे जिले बनेंगे, तो उनका समापन भी ऐसे ही होगा। बिना ठोस आधार के बनाए गए जिले लंबे समय तक नहीं टिक सकते।”

गहलोत सरकार पर राजनीतिक दबाव का आरोप

गर्ग ने कहा कि बालोतरा, फलौदी, ब्यावर, कोटपुतली, और डीडवाना जैसे जिलों की मांग वाजिब थी। लेकिन कुछ जिले ऐसे बनाए गए, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार ने राजनीतिक दबाव में रास्ते चलते किसी भी मांग पर जिले बना दिए।

ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र

जोगेश्वर गर्ग ने बताया कि बाड़मेर के मूल निवासी ललित के पंवार को जिलों की समीक्षा का काम सौंपा गया था। उनकी कमेटी ने दौरा करके रिपोर्ट दी कि 9 जिले प्रशासनिक दृष्टि से अनावश्यक हैं। गर्ग ने कहा कि सरकार ने इस रिपोर्ट के आधार पर जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया।

एसआई भर्ती और मगरमच्छों को फंसाने का जाल

एसआई भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर गर्ग ने कहा कि इस मामले में मजबूत सबूत जुटाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा,   “मगरमच्छ को फंसाना है तो मजबूत जाल बुनना पड़ता है। कमजोर जाल में वह बचकर निकल जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग गड़बड़ी में शामिल हैं, चाहे वे कितने भी बड़े लोग हों, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बोरवेल हादसों पर गर्ग की प्रतिक्रिया

गर्ग ने 9 दिनों से बोरवेल में फंसी मासूम बच्ची के मामले पर दुख व्यक्त किया और कहा कि यह समाज की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा, “जो बोरवेल खुदवाता है, उसे ठीक से बंद करवाना चाहिए। हमारी खुद की लापरवाही से बच्चे खतरे में पड़ रहे हैं।” उन्होंने सरकार की तरफ से चल रहे बचाव कार्यों की सराहना की और लोगों से जागरूक होने की अपील की।

विकास को लेकर गर्ग का बयान

गर्ग ने कहा कि विकास कार्य किसी विधायक या पार्टी के लिए नहीं, बल्कि जनता के लिए होते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन क्षेत्रों में निर्दलीय या विपक्ष के विधायक हैं, वहां भी विकास कार्य समान रूप से होंगे।

गहलोत सरकार पर विपक्ष का निशाना

गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए जिलों और संभागों को लेकर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। जोगेश्वर गर्ग का यह बयान इस बात का संकेत है कि जिला निर्माण के फैसले को लेकर बीजेपी इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।

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