मनीषा शर्मा। राजस्थान में मौसमी बीमारियों के मामले भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इसे “वैल अंडर कंट्रोल” बताया है। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है।
मंत्री खींवसर ने कहा कि इस साल डेंगू के केस 2023 की तुलना में कम हैं और मृत्यु दर में भी कमी आई है। पिछले साल सितंबर तक डेंगू से पूरे प्रदेश में 14 मौतें दर्ज हुई थीं, जबकि इस साल अब तक केवल एक ही मौत हुई है। हालांकि, वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, कोटा, पाली और जयपुर में एक-एक मौत डेंगू से हो चुकी है।
स्क्रब टाइफस के मामलों पर भी उन्होंने जानकारी दी। इस साल अब तक स्क्रब टाइफस के 2095 केस मिले हैं, जबकि 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके मुकाबले पिछले साल 2092 केस और 4 मौतें दर्ज की गई थीं।
डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी:
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन हफ्तों में डेंगू के केसों में लगातार वृद्धि हो रही है। हर रोज औसतन 119 से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं। 12 सितंबर को राज्य में डेंगू के 2492 केस थे, जो 30 सितंबर तक बढ़कर 4628 हो गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 850 केस जयपुर (जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण और दूदू) से हैं।
मलेरिया के 38% केस जैसलमेर और बाड़मेर से:
राजस्थान में इस सीजन मलेरिया के 1074 से ज्यादा मरीज मिले हैं। इनमें से 38 फीसदी मामले केवल जैसलमेर और बाड़मेर जिलों से हैं। जैसलमेर में 139 और बाड़मेर में 270 मलेरिया केस मिले हैं, जो प्रदेश के कुल मलेरिया मरीजों का 38% हैं। दूसरी ओर, धौलपुर, बारां और करौली जैसे कुछ जिलों में मलेरिया का इस सीजन में अब तक एक भी केस नहीं मिला है।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह:
स्वास्थ्य मंत्री ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा कि अगले तीन हफ्ते थोड़ी बहुत सतर्कता जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य में स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही, विभाग ने लोगों से साफ-सफाई रखने और पानी जमा न होने देने की अपील की है ताकि इन बीमारियों से बचाव हो सके।