मनीषा शर्मा। राजस्थान के बड़े शहरों में अब CNG और इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है। यह घोषणा UDH मंत्री झाबर सिंह खरा ने विधानसभा में की, जिसमें बताया गया कि सरकार महाराष्ट्र मॉडल के तहत बसें किराए पर लेगी। इस मॉडल के अनुसार, बसें खरीदने के बजाय किराए पर लेने का निर्णय लिया गया है, जिससे सिटी ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा सके।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में एक नई प्रक्रिया के तहत बसें खरीदने के मॉडल पर बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में जिस तरह से नगर निकायों को इलेक्ट्रिक और CNG बसें किराए पर दी जाती हैं, उसी तरह राजस्थान में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इसमें प्रतिदिन के हिसाब से किराया देना होगा, और सरकार घाटे को वहन करेगी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका काम केवल कंडक्टर रखकर जनता को सेवा देना रहेगा।
कालीचरण सराफ, जो बीजेपी विधायक हैं, ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी इस विषय पर सवाल पूछे हैं, लेकिन हर बार यही जवाब मिला है कि प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने मजाक में कहा, “भगवान, ये बसें चलवाएंगे कब?”
इस पर मंत्री खरा ने जवाब दिया कि जयपुर शहर के लिए बसों की कमी को दूर करने के लिए नई पीएम ई बस योजना के तहत 150 इलेक्ट्रिक बसों के लिए निविदा खोली जा चुकी है। यह निविदा 2 जनवरी 2025 को भारत सरकार के स्तर पर खोली गई थी और इसकी परीक्षण प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार 300 CNG से चलने वाली AC मिडी बसों की निविदा भी प्रक्रियाधीन है, जिसकी तकनीकी बोली 6 फरवरी को खोली जाएगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि शहरी मामलों के मंत्रालय के मानकों के अनुसार, 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए 2400 बसों का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में, जयपुर में जेसीटीसीएल 27 रूट पर 200 बसें चला रहा है, और 43 रूट्स पर 424 मिनी बसों को परमिट जारी किए गए हैं। इसके अलावा, 41,913 ऑटो रिक्शा और 45,508 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन भी किया गया है।