मनीषा शर्मा। राजस्थान में जयपुर पुलिस की हालिया कार्रवाई को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। यह घटना अब राजनीतिक विवाद का केंद्र बन चुकी है, जहां भाजपा के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में कांग्रेस खुलकर सामने आ गई है। इस मुद्दे ने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
पुलिस कार्रवाई से नाराज किरोड़ी लाल मीणा
जयपुर में पुलिस की ओर से हाल ही में की गई कार्रवाई के कारण कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने विरोध जताया। उन्होंने सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए और इसे अलोकतांत्रिक करार दिया। उनका कहना है कि जनता के प्रति ऐसी पुलिस कार्रवाई अस्वीकार्य है और यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। इस मामले को लेकर राजस्थान में विपक्षी कांग्रेस ने भी किरोड़ी लाल मीणा का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि जनता की आवाज को सुनना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने समरावता कांड की न्यायिक जांच की मांग करते हुए पुलिस की कार्रवाई को अमानवीय बताया।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
राजस्थान कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर सरकार और पुलिस की आलोचना करते हुए पोस्ट किया, “यह पुलिस की गुंडागर्दी है या राजकीय कार्य में बाधा?” इसके साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए इसे “पर्ची सरकार” कहा। सचिन पायलट ने भी सरकार को घेरते हुए कहा, “कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा जनता की समस्याओं को उठा रहे हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इन आवाजों को सुने। समरावता में लोगों पर पुलिस द्वारा की गई हिंसा बेहद निंदनीय है।”
समरावता कांड पर सरकार घिरी
समरावता में पुलिस द्वारा लोगों के घरों में घुसकर मारपीट करने की घटनाओं ने राज्यभर में आक्रोश फैला दिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि इससे राज्य की छवि को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने की आलोचना
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पुलिस द्वारा पढ़ाई कर रहे छात्रों को आधी रात में गिरफ्तार करने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे भाजपा सरकार की “युवा विरोधी और महिला विरोधी मानसिकता” का प्रतीक बताया। जूली ने कहा, “यह घटना दर्शाती है कि भाजपा सरकार अब जनता के प्रति जवाबदेह नहीं रही। छात्रों और युवाओं की आवाज दबाने का प्रयास सीधे लोकतंत्र पर हमला है।” टीकाराम जूली ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज को दबाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “यह तानाशाही सरकार को महंगी पड़ेगी। राज्य की जनता अब इस अन्याय को सहन नहीं करेगी।”
भाजपा सरकार पर बढ़ता दबाव
इस मामले ने न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सरकार को घेर लिया है। जनता के बीच सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर लोकतंत्र की मर्यादाओं को भूल गई है।
सचिन पायलट का संदेश
सचिन पायलट ने सरकार को स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया कि लोकतंत्र में सत्ता जनता की सेवा के लिए है, न कि उनकी आवाज को दबाने के लिए। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से सुनना चाहिए और उनके समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए।
राजस्थान में इस मुद्दे पर बढ़ती सियासी हलचल ने सरकार के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। कांग्रेस द्वारा किरोड़ी लाल मीणा का समर्थन भाजपा सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक संदेश है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे को कैसे संभालती है और जनता के बीच अपनी छवि को सुधारने के लिए क्या कदम उठाती है।