शोभना शर्मा। राजस्थान कांग्रेस ने अपने संगठन में व्यापक बदलाव करते हुए जुलाई 2024 में प्रदेश के 27 ब्लॉक और मंडल कमेटियों को भंग कर दिया था। इस महत्वपूर्ण कदम का उद्देश्य संगठन को मजबूत और प्रभावी बनाना था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस फैसले को लागू करते हुए स्पष्ट किया था कि ये बदलाव पार्टी के भविष्य और बेहतर कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक थे। अब, कुछ महीनों के बाद, कांग्रेस ने इन 27 ब्लॉकों में नए अध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की सूची जारी कर दी है।
डोटासरा का बड़ा कदम: ब्लॉक और मंडल कमेटियों का पुनर्गठन
जुलाई 2024 में कांग्रेस ने अचानक अपने ब्लॉक और मंडल स्तर के संगठनों को भंग करने का निर्णय लिया था। प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने तत्काल प्रभाव से इस फैसले को लागू किया और इसके पीछे पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को सुधारने और कार्यक्षमता बढ़ाने की मंशा बताई। पुराने संगठनों को भंग कर नई कमेटियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई। तत्कालीन निर्णय के दौरान, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया था कि यह कदम नेताओं और कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता और संगठनात्मक गिरावट के चलते उठाया गया। डोटासरा ने बताया कि संगठन को सशक्त और प्रासंगिक बनाने के लिए यह बदलाव अनिवार्य था।
27 ब्लॉक में नए अध्यक्षों की नियुक्ति
हाल ही में गोविंद सिंह डोटासरा ने नए ब्लॉक अध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों की सूची जारी की। इन 27 ब्लॉकों में, 20 ब्लॉकों में नए अध्यक्षों का चयन किया गया, जबकि 6 ब्लॉकों में कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। यह सूची पार्टी के संगठनात्मक पुनर्गठन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस निर्णय के तहत, डोटासरा ने कहा कि संगठनात्मक पदों पर सही और सक्रिय नेताओं को लाना पार्टी की प्राथमिकता है। इसके अलावा, मंडल अध्यक्षों और मंडल कार्यकारिणियों की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी जारी है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
पिछले फैसले की पृष्ठभूमि: ब्लॉक भंग क्यों किए गए?
जुलाई में 27 ब्लॉकों और संबंधित कमेटियों को भंग करने के फैसले के पीछे कई कारण बताए गए थे। पार्टी के अनुसार, संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और निष्क्रिय पदाधिकारियों को बदलने के लिए यह निर्णय आवश्यक था। कांग्रेस की जिला कमेटियों से प्राप्त फीडबैक ने इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फीडबैक में यह बात सामने आई थी कि कई ब्लॉक और मंडल कमेटियों के पदाधिकारी सक्रियता से अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे थे। इसके अलावा, पार्टी को कई क्षेत्रों में नए और जोशपूर्ण नेतृत्व की जरूरत महसूस हुई। पार्टी की बैठकों में यह भी निर्णय लिया गया कि संगठन को एक नई दिशा देने के लिए पुराने ढांचे को समाप्त कर, नई संरचना तैयार की जाए।
संगठनात्मक बदलाव का उद्देश्य
इन निर्णयों के पीछे कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य अपनी संगठनात्मक ताकत को बढ़ाना और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना है। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है। डोटासरा ने अपने वक्तव्य में कहा था कि कांग्रेस को राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सक्रिय और जमीनी नेताओं की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी उन नेताओं को बढ़ावा देगी, जो अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावी और मेहनती साबित होंगे।
भविष्य की रणनीति और नई नियुक्तियों की प्रक्रिया
पार्टी ने यह संकेत भी दिया है कि नए मंडल अध्यक्षों और कार्यकारिणियों की नियुक्ति भी जल्द ही की जाएगी। इस प्रक्रिया में पार्टी उन नेताओं को प्राथमिकता देगी, जिन्होंने जनता के मुद्दों पर काम किया है और संगठन की विचारधारा को मजबूती से आगे बढ़ाया है। इसके अलावा, पार्टी ने यह भी साफ किया है कि संगठन में निष्क्रियता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डोटासरा ने कहा कि सभी पदाधिकारी संगठन के प्रति जवाबदेह होंगे और उनकी सक्रियता और कार्यप्रणाली की नियमित समीक्षा की जाएगी।
राजनीतिक प्रभाव और कांग्रेस की रणनीति
राजस्थान में कांग्रेस के इस बड़े संगठनात्मक बदलाव का राजनीतिक प्रभाव भी गहरा है। यह कदम न केवल पार्टी की आंतरिक संरचना को मजबूत करेगा, बल्कि आगामी चुनावों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा। कांग्रेस ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह युवा और जोशपूर्ण नेतृत्व को प्राथमिकता देगी। इसके अलावा, पार्टी का फोकस जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ने और जनता के मुद्दों को हल करने पर होगा।