मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा के आरोपों के चलते हंगामा मच गया। विधायक इंद्रा मीणा ने मुख्यमंत्री के बेटे का नाम लेकर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने कहा कि “राइजिंग राजस्थान” में कितनी फर्मों का टेंडर शामिल करवाया गया, यह बताने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह रिकॉर्ड मौजूद है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री और अन्य मंत्रियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन में आरोप लगाने से पहले प्रूफ देना आवश्यक है। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि “हम इस तरह की बकवास आरोप बिना प्रूफ नहीं सुनेंगे।” इस पर इंद्रा मीणा ने जवाब दिया, “क्या मैं सबूत दूं? आप तय करेंगे कि कोई क्या बोलेगा?”
हंगामे के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा कि “हर विधायक को टोकना बर्दाश्त नहीं होगा।” अंततः, मुख्यमंत्री के बेटे पर लगाए गए आरोपों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। विधानसभा की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले, कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने पंचायती राज के तबादलों को लेकर सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि “पंचायती राज में तबादलों का यह हाल था कि 1000 तबादलों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी।” उन्होंने मंत्री दिलावर से कहा, “मैं आपकी बेशर्मी के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।” मंत्री दिलावर ने जवाब दिया कि “स्टे का कोई आधार तो होगा।”
विधानसभा में जिलों को खत्म करने के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्पीकर वासुदेव देवनानी ने शून्यकाल में विपक्ष को मुद्दा उठाने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में यह फैसला वापस ले लिया। इससे नाराज कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा बढ़ने पर स्पीकर ने कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो स्पीकर ने जिलों को खत्म करने के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि “कल नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी और गंगापुर विधायक रामकेश मीणा को बोलने की अनुमति दी जाएगी।” स्पीकर ने स्पष्ट किया कि “न मैं पक्ष के और न विपक्ष के दबाव में हूं।”
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भी खींचतान के हालात बने। स्पीकर ने सवालों के जवाब पढ़े हुए माने जाने और सीधे पूरक सवाल पूछने की व्यवस्था लागू करने की घोषणा की, जिस पर मंत्रियों ने विरोध किया।
कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने जनजातीय इलाकों में महिला छात्रावास खोले जाने से जुड़े सवाल पर टिप्पणी की, जिससे हंगामा हो गया। उन्होंने कहा, “जनजाति विकास विभाग महिला छात्रावास क्यों नहीं खोलना चाहता है?” इस पर जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि “हमारा विभाग महिला छात्रावास नहीं खोलता है, यह नियमों में नहीं है।”
गणेश घोघरा ने मंत्री से सवाल किया, “आप फिर TAD मंत्री क्यों बने हैं जब जनजाति का विकास ही नहीं कर सकते?” इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताते हुए कहा, “आप सीधे कमेंट नहीं कर सकते, आप सवाल पूछ सकते हैं।”