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मदन राठौड़ द्वारा रविंद्र भाटी की तुलना छुट्टा सांड से करने पर विवाद बढ़ा

मदन राठौड़ द्वारा रविंद्र भाटी की तुलना छुट्टा सांड से करने पर विवाद बढ़ा

मनीषा शर्मा।  शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के बीच सियासी बयानबाजी ने तूल पकड़ लिया है। हाल ही में मदन राठौड़ ने भाटी की तुलना छुट्टा सांड से करते हुए कहा कि वह स्वतंत्र हैं और कुछ भी करते रहते हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे सियासी हलकों में गर्मा-गर्मी बढ़ गई है।

क्या है विवाद की जड़?

शिव विधायक रविंद्र भाटी अक्सर स्थानीय प्रशासन और राजस्थान की बीजेपी सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं। हाल ही में बाड़मेर में आयोजित होने वाले रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल की परमिशन रद्द करने को लेकर भाटी समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। प्रशासन ने पहले इस आयोजन की अनुमति दी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर इसे रद्द कर दिया।

मदन राठौड़ का बयान

जब मदन राठौड़ से भाटी के विरोधी रवैये के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा: “वो करेगा ना, फ्री है। विरोध में है। छुट्टा सांड होता है, तो अब क्या करें, कुछ भी करें।” इस बयान का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।

रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल विवाद

12 जनवरी को बाड़मेर में आयोजित होने वाले रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल को प्रशासन ने अचानक रद्द कर दिया। बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दो दिन पहले अनुमति वापस ले ली। इस फैसले से भाटी के समर्थक नाराज हो गए और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। उनका आरोप था कि कार्यक्रम को रोकने के पीछे बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा का हाथ है, जिनकी विधानसभा चुनाव में भाटी के सामने जमानत जब्त हो गई थी।

भाटी समर्थकों का गुस्सा

रविंद्र भाटी के समर्थकों ने बीजेपी और बाड़मेर प्रशासन पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर जमकर पोस्ट किए। उनका दावा था कि आयोजन को रोकने का फैसला राजनीतिक द्वेष के चलते लिया गया।

मदन राठौड़ ने अपने बयान से यह स्पष्ट किया कि भाटी सरकार के खिलाफ बेवजह विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक होने के नाते भाटी के पास कोई जवाबदेही नहीं है, इसलिए वह किसी भी मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते रहते हैं।

भाटी समर्थकों ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेताओं ने प्रशासन पर दबाव बनाकर कार्यक्रम को रद्द कराया। उन्होंने इसे लोकतंत्र का हनन करार दिया और कहा कि यह फैसला भाटी की लोकप्रियता को कम करने के लिए लिया गया है।

छुट्टा सांड वाले बयान पर बढ़ा विवाद

मदन राठौड़ के “छुट्टा सांड” वाले बयान ने विवाद को और बढ़ा दिया। भाटी के समर्थकों ने इसे अपमानजनक बताया और कहा कि यह बयान राजनीतिक गरिमा के खिलाफ है। वहीं, बीजेपी समर्थकों का मानना है कि भाटी का विरोध सिर्फ राजनीतिक नौटंकी है।

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा हो सकता है। बीजेपी और भाटी दोनों ही अपने समर्थकों को एकजुट करने के लिए बयानबाजी का सहारा ले रहे हैं। रविंद्र भाटी ने अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ बना रखी है। उनकी छवि एक जनप्रिय नेता की है, जो अपने समर्थकों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं।

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