शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा में हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया है, जब कांग्रेस विधायक रफीक खान को ‘पाकिस्तानी’ कहने पर बवाल मच गया। इस घटना के दौरान सत्तापक्ष की ओर से ‘पाकिस्तानी-पाकिस्तानी’ के नारे लगे, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
क्या है मामला?
जब कांग्रेस विधायक रफीक खान सदन में अपनी बात रख रहे थे, तो अचानक सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा ‘पाकिस्तानी’ के नारे लगाए गए। बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने ये नारे लगाए थे। इस घटना के बाद रफीक खान भावुक हो गए और उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से भी बात की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
रफीक खान का भावुक बयान:
मीडिया से बात करते हुए रफीक खान ने कहा, “क्या मुसलमान विधायक होना अपराध है? अगर मुसलमान विधायक होना अपराध है और इसी तरह भाषा की दरिद्रता रही, तो मैं भारतीय जनता पार्टी के लोगों से कहना चाहता हूं कि एक कानून लाया जाए और यह तय कर दिया जाए कि आज से इस विधानसभा में कोई मुस्लिम विधायक चुन कर नहीं आएगा।” रफीक खान का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसे लेकर जनता के बीच भी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य की सफाई:
इस मामले में बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने सफाई देते हुए कहा कि यह टिप्पणी जानबूझकर नहीं की गई थी, बल्कि “मुंह से निकल गई थी।” उन्होंने दावा किया कि बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है। बालमुकुंद आचार्य ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक और प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पर हमले की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि गोविन्द सिंह डोटासरा ने तो बैठक में यहां तक कह दिया था कि वे माफी नहीं मांगेंगे। इसके बावजूद बीजेपी ने बड़ा दिल दिखाते हुए मामले को शांत करने का प्रयास किया था।
कांग्रेस का कड़ा विरोध:
इस विवाद के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह टिप्पणी बीजेपी की संकीर्ण मानसिकता को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी बार-बार इस तरह की टिप्पणियों से अपनी सोच को प्रकट करती है और कांग्रेस इस तरह के बयानों का पुरजोर विरोध करती है।
बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस:
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी इस तरह के विवादित बयानों के जरिए सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी इस विवाद के जरिए असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की विवादास्पद टिप्पणियां न सिर्फ राजनीतिक गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं बल्कि सदन की मर्यादा को भी प्रभावित करती हैं। विपक्ष का यह कहना है कि बीजेपी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की भाषा से बचना चाहिए।