शोभना शर्मा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन दिनों विदेश दौरे पर हैं, लेकिन उनके विदेश जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस से जुड़े एडवोकेट सांवरमल चौधरी ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दायर कर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है। चौधरी के अनुसार, भजनलाल शर्मा एक पुराने प्रकरण में सशर्त जमानत पर हैं, जिसके तहत उन्हें न्यायालय की अनुमति के बिना देश की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद वे विदेश यात्रा पर हैं। इस मामले की सुनवाई 24 सितंबर को होनी है।
भरतपुर के गोपालगढ़ दंगों से जुड़ा मामला
इस विवाद का संबंध वर्ष 2011 में हुए भरतपुर जिले के गोपालगढ़ दंगों से है। इन दंगों के दौरान कई संगठनों के सदस्यों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए गए थे। सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई थी, और उन्हीं प्रकरणों में से एक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भी नाम शामिल है। सांवरमल चौधरी का आरोप है कि इस प्रकरण में भजनलाल शर्मा दोषी माने गए हैं और वे वर्ष 2013 से जमानत पर हैं। उनके साथ अन्य आरोपी भी जमानत पर हैं।
कोर्ट की अवमानना का मामला
एडवोकेट सांवरमल चौधरी के अनुसार, भजनलाल शर्मा की जमानत की शर्त यह थी कि वे बिना कोर्ट की अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकते। लेकिन अब वे विदेश दौरे पर हैं, जो कि कोर्ट के आदेशों की अवमानना मानी जा रही है। इस प्रकरण को लेकर चौधरी ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है और 24 सितंबर को इस पर सुनवाई होने वाली है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
जैसे ही मुख्यमंत्री के विदेश दौरे की खबर सामने आई, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सियासी हमला बोल दिया। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और एडवोकेट जसवंत गुर्जर ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री द्वारा कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश दौरे पर जाना गंभीर त्रुटि है। यह कोर्ट की अवमानना है और ऐसे व्यक्ति से यह अपेक्षा नहीं की जाती।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
गुरुवार दोपहर से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विदेश दौरे की खबरें तेज़ी से फैलने लगीं। कांग्रेस समर्थकों ने इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। कुछ नेताओं ने इसे मुख्यमंत्री की लापरवाही बताया है, वहीं सरकार समर्थक इसे एक गलतफहमी का मामला कह रहे हैं।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
24 सितंबर को न्यायालय में इस प्रकरण की सुनवाई होगी। अगर न्यायालय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दोषी मानता है, तो यह मामला और भी गंभीर हो सकता है। विपक्षी दल पहले ही इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमाने लगे हैं, और मुख्यमंत्री के खिलाफ जनमत तैयार करने की कोशिश की जा रही है।