मनीषा शर्मा। राजस्थान में नए जिलों के गठन को लेकर सियासी बवाल जारी है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। जूली ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से असमंजस की स्थिति बनाई जा रही है, जिससे प्रदेश में अस्थिरता का माहौल है। उन्होंने नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट और ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट को विधानसभा के सामने प्रस्तुत करने की अपील की है।
सरकार पर अस्थिरता फैलाने का आरोप
टीकाराम जूली ने कहा कि भजनलाल सरकार नए जिलों की समीक्षा के नाम पर प्रदेश को अस्थिरता और असमंजस की ओर धकेल रही है। उनका आरोप है कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के उद्देश्य से नए जिलों की संख्या में कटौती करने का विचार कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि नए जिलों का मुद्दा प्रदेश के भविष्य से जुड़ा है और इसका असर दूरगामी हो सकता है। जूली ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर जनता और विपक्ष को विश्वास में लेने में विफल रही है।
मंत्रियों की कमेटी पर सवाल
जूली ने कहा कि नए जिलों की समीक्षा के लिए बनाई गई मंत्रियों की कमेटी के संयोजक पहले उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा थे, लेकिन बाद में इसे बदलकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को कमेटी का संयोजक बनाया गया। इस बदलाव पर सवाल उठाते हुए जूली ने कहा कि यह बदलाव सरकार की पूर्वाग्रहपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।
टीकाराम जूली का मानना है कि भाजपा सरकार के मंत्रियों द्वारा नए जिलों के बारे में लगातार विवादास्पद बयान दिए जा रहे हैं, जो जनता के मन में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस महत्वपूर्ण विषय पर स्पष्ट और ठोस निर्णय लेना चाहिए, ताकि जनता में विश्वास बहाल हो सके।
ललित पंवार रिपोर्ट पर ध्यानाकर्षण
टीकाराम जूली ने बताया कि पूर्व आईएएस अधिकारी ललित के पंवार ने दो महीने पहले नए जिलों पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन सरकार अब तक इस रिपोर्ट को सदन के सामने पेश करने में विफल रही है। जूली ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में नए जिलों और संभागों के गठन की घोषणा की थी, जिससे पूरे प्रदेश में जनता में उत्साह का माहौल बना था। उनका कहना है कि यह निर्णय राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने जनता को एक नई आशा दी थी।
भाजपा सरकार के प्रति आलोचना
नेता प्रतिपक्ष ने भजनलाल सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली अदूरदर्शी और अस्थिर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से आने वाली पर्चियों पर आधारित निर्णय लेने वाली यह सरकार नकारा साबित हो रही है। उनकी माने तो भाजपा सरकार की नीति और फैसलों में निरंतर अस्थिरता देखने को मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बात-बात में अपने निर्णयों से पीछे हट जाती है, जो जनता के मन में अविश्वास पैदा करता है।
विशेष सत्र बुलाने की मांग
टीकाराम जूली ने स्पष्ट किया कि नए जिलों और संभागों का गठन एक संवेदनशील मुद्दा है, जो जनता की अपेक्षाओं और भविष्य से जुड़ा हुआ है। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अपील की। जूली का कहना है कि सरकार को इस विशेष सत्र में सदन को विश्वास में लेना चाहिए और ललित पंवार रिपोर्ट समेत मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट को सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए।
भाजपा सरकार से अपेक्षाएँ
जूली ने कहा कि भाजपा सरकार का कर्तव्य है कि वह नवगठित जिलों और संभागों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस रोडमैप तैयार करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को नए जिलों और संभागों के निर्माण से राहत मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार की नीति और कार्यशैली से राज्य में असमंजस का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को जनता की अपेक्षाओं को समझते हुए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर स्पष्ट नीति और दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
राजस्थान में नए जिलों को लेकर टीकाराम जूली और भजनलाल सरकार के बीच सियासी खींचतान जारी है। विपक्ष का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर काम कर रही है, जिससे प्रदेश में अस्थिरता का माहौल बन रहा है। वहीं सरकार की ओर से भी इस मामले में स्पष्टता नहीं दिखाई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को संवेदनशील मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने और रिपोर्ट सदन के सामने रखने की अपील की है, ताकि प्रदेश की जनता में विश्वास बहाल हो सके।