मनीषा शर्मा। नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल पर आरोप है कि वह जिस घर में रहते हैं, उसका बिजली बिल पिछले छह साल से बकाया है। यह विवाद तब और बढ़ा जब कांग्रेस नेता ज्योति मिर्धा ने सवाल उठाया कि आम नागरिकों का कनेक्शन महज दो महीने का बिल बकाया होने पर काट दिया जाता है, लेकिन नेताओं के मामले में यह मेहरबानी क्यों?
नोटिस की जानकारी
अजमेर विद्युत वितरण निगम ने 8 नवंबर 2024 को दो नोटिस जारी किए थे, जिनमें एक प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर 9.8 लाख रुपए का बकाया बताया गया, और दूसरा नोटिस शंकरलाल के नाम से 1.3 लाख रुपए का बकाया दिखाता है। इन कनेक्शनों को लेकर यह भी बताया गया कि हनुमान बेनीवाल और उनके भाई नारायण बेनीवाल इन्हीं कनेक्शनों वाले घरों में रहते हैं।अधिकारी का बयान और बेनीवाल की सफाई
अजमेर विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियंता (AEN) ने बताया कि प्रेमसुख और शंकरलाल के नाम पर बकाया है, लेकिन सांसद हनुमान बेनीवाल के नाम पर कोई कनेक्शन नहीं है। हनुमान बेनीवाल ने सफाई में कहा कि यदि उनके नाम पर बकाया होता, तो वह खुद उसे भरते। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके नाम से बिजली कनेक्शन नहीं है, इसलिए यह उन पर लागू नहीं होता।ज्योति मिर्धा का बयान
कांग्रेस नेता ज्योति मिर्धा ने टिप्पणी की कि जो व्यक्ति किसी और के नाम के कनेक्शन से बिजली इस्तेमाल कर रहा है, वह भी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधि के कर्तव्य से जोड़ते हुए कहा कि बकाया भुगतान करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है, भले ही कनेक्शन उनके नाम पर न हो।समस्या और सवाल
इस विवाद में सवाल उठता है कि यदि आम नागरिकों पर सख्ती की जाती है, तो नेताओं पर इतनी मेहरबानी क्यों? यह स्थिति निगम की निष्पक्षता और जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है।