मनीषा शर्मा। राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हुए भ्रष्टाचार के मामले ने राज्य में हलचल मचा दी है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जेजेएम में भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत 22 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में वित्तीय सलाहकार, चीफ इंजीनियर, एडिशनल चीफ इंजीनियर, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के नाम भी शामिल हैं। जांच के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र और ईमेल आईडी का उपयोग कर टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता की पुष्टि हुई।
ईमेल आईडी से मिली महत्वपूर्ण लीड
एसीबी के अनुसार, भ्रष्टाचार में ईमेल आईडी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईमेल आईडी की गहन जांच करने पर अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश हुआ। आरोप है कि कई फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग कर टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की गई। इस घोटाले का मुख्य आरोपी पदमचंद जैन, महेश मित्तल, और मुकेश पाठक को बताया जा रहा है।
फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिये टेंडर की हेराफेरी
जांच में खुलासा हुआ कि महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों का सहारा लेकर टेंडर हासिल किए। विभाग के अधिकारियों ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों को अनदेखा किया और बिना योग्यता वाली फर्मों को टेंडर आवंटित कर दिया। यह भी पुष्टि हुई कि इन टेंडरों के बदले निरंतर भुगतान होते रहे, जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का संकेत मिलता है।
एसीबी की ईमेल आईडी से अपराधियों की पहचान
एसीबी को मुकेश पाठक से जुड़े कई ईमेल आईडी मिले थे, जिनसे टेंडर की प्रक्रिया की गई थी। इन ईमेल आईडी में से mukeshpathakircon@gmail.com, ircon.mdwp3@gmail.com, और mukeshpathak.ipbtl@gmail.com जैसे आईडी की पहचान की गई। इसके अलावा, कुछ ईमेल आईडी में रिकवरी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भी मुकेश पाठक और देवेंद्र गहलोत के नाम पर मिले। इस तरह की मेल आईडी का उपयोग कर अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई।
देवेंद्र सिंह की गवाही
जांच में देवेंद्र सिंह, जो श्याम ट्यूबवेल कंपनी और गणपति ट्यूबवेल के लिए ऑनलाइन टेंडर भरने का काम करता था, से पूछताछ की गई। देवेंद्र सिंह ने बताया कि उसने पदमचंद जैन के कहने पर ईमेल और डोमेन आईडी तैयार करवाई थी और इसका खर्चा भी जैन ने वहन किया था। एसीबी ने देवेंद्र सिंह के कंप्यूटर से टेंडर की सॉफ्ट कॉपी भी बरामद की, जिसमें पूर्व मंत्री समेत 22 लोगों के नाम सामने आए।
महेश जोशी का पक्ष
एफआईआर में नाम शामिल होने पर पूर्व मंत्री महेश जोशी ने कहा कि उन्होंने स्वयं भ्रष्ट फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की थी और उनके टेंडर रद्द कर दिए थे। उन्होंने दावा किया कि मंत्री का टेंडर प्रक्रिया में कोई सीधा भूमिका नहीं होती, और यदि उन्हें जांच एजेंसी बुलाएगी, तो वह सहयोग करेंगे।
राजस्थान में जल जीवन मिशन का उद्देश्य
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति करना है। मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया था, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त फंडिंग होती है। राजस्थान ने इस योजना के तहत अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर और अन्य जिलों में काम किया है और पैसे खर्च करने के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया है।