महाराणा प्रताप सेना का अजमेर दरगाह को लेकर एक और दावा, परमार ने 1170 ईस्वी में जारी एक नक्शे के काग़ज़ को आधार मानते हुए दरगाह में शिव मंदिर होने का किया दावा, दरगाह के पास में ही अढ़ाई दिन के झोंपड़े की जगह संस्कृत स्कूल व विष्णु मंदिर नक़्शे में दर्शाने का किया दावा, दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय में हुई प्रेसवार्ता में परमार ने कहा– दरगाह व उससे जुडे़ लोगों की ओर से किए गए दावों को वे रद्द करते हैं, परमार ने कहा– मैं कोई लड़ाई–झगड़ा नहीं कर रहा, न ही कोई दंगा कर रहा हूं, मैं केवल जांच की मांग कर रहा हूं।

रविवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय में परमार ने प्रेसवार्ता की और 1170 ईस्वी का एक नक्शा दिखाया। जिसमें दरगाह में एक शिव मंदिर दिखाई दे रहा है। साथ ही पास में संस्कृत विद्यालय और विष्णु मंदिर भी दर्शाया गया है। उन्होंने दरगाह को लेकर मुस्लिम पदाधिकारियों की ओर से किए जा रहे सभी दावों को गलत बताया है।
परमार ने कहा, मैंने दरगाह का सर्वेक्षण कराने की मांग को लेकर सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा था। मैं न तो लड़ाई कर रहा हूं और न ही दंगा कर रहा हूं। मैंने सिर्फ जांच की मांग कर रहा हूं। दरगाह के मंदिर होने के बाद से मुझे लगातार धमकियां मिल रहीं हैं। देश के अलग-अलग राज्यों के साथ पाकिस्तान और इंडोनेशिया से भी जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।
इससे पहले सीएम गहलोत को लिखा था पत्र
इससे पहले राजवर्धन सिंह परमार ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अजमेर दरगाह को पूर्व में हिंदू मंदिर होने का दावा किया था। साथ ही पुरातत्व विभाग से दरगाह का सर्वे कराने की मांग भी की थी। सीएम को लिखे पत्र में परमार ने दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिंदू धार्मिक चिन्ह स्वस्तिक के निशान होने का भी दावा भी किया। इसके बाद से दरगाह को लेकर विवाद हो रहा है।