वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग होने के दावे की जांच के बीच दिल्ली स्थित संगठन महाराणा प्रताप सेना ने गुरुवार को अजमेर (Ajmer) दरगाह में भी हिन्दू प्रतीक चिह्न होने का दावा किया। इससे हड़कंप मच गया और जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारी दरगाह पहुंचे। दरगाह में अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है।

ट्वीट के जरिए किया गया दावा
दिल्ली स्थित महाराणा प्रताप सेना की ओर से ट्वीट कर सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हिन्दू प्रतीक चिह्न होने का दावा किया गया। इसमें कथित तौर पर हिन्दू देवी-देवताओं से जुड़े चिह्न बताए गए। दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान बने हुए हैं। सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार दावा कर रहे हैं कि अजमेर की हजरत ख़्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया।

सूचना मिलते ही अलर्ट हुआ प्रशासन
इसकी सूचना प्रशासन तक पहुंचते ही जिला कलक्टर अंशदीप के निर्देश पर एडीएम सिटी भावना गर्ग तत्काल दरगाह पहुंची। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण वैभव शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी पहुंचे।

दरगाह की सुरक्षा में हाड़ी रानी बटालियन तैनात है, लेकिन संवेदनशील मामला होने से प्रशासन ने तत्काल पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता तैनात किया। प्रशासनिक और पुलिस टीम ने परिसर का जायजा लिया और लोगों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की।