शोभना शर्मा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अदालत ने लंदन यात्रा की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके लिए तीन शर्तें निर्धारित की गई हैं। सीएम भजनलाल शर्मा गोपालगढ़ दंगा मामले में जमानत पर हैं, और कोर्ट ने उन्हें विदेश जाने से पहले और वापस आने के बाद अदालत को सूचित करने का आदेश दिया है।
प्रार्थना पत्र और कोर्ट की शर्तें
सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से जयपुर की एडीजे-4 अदालत में सोमवार को प्रार्थना पत्र दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने 13 से 25 अक्टूबर 2024 तक लंदन जाने की अनुमति मांगी थी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राइजिंग राजस्थान इंवेस्टमेंट समिट के लिए निवेशकों को आमंत्रित करना और रोड शो में भाग लेना है। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें यात्रा की अनुमति दे दी, लेकिन इसके साथ ही तीन शर्तें भी लगाई हैं।
सीएम के वकील अश्विनी बोहरा ने जानकारी दी कि अदालत ने कहा है कि भजनलाल शर्मा को विदेश यात्रा पर जाने से पहले और लौटने पर अदालत को सूचित करना होगा। इसके अलावा, यदि किसी गवाह के बयान होने पर सीएम यात्रा के दौरान उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके वकील को उससे जिरह करनी होगी।
दक्षिण कोरिया और जापान यात्रा पर बिना अनुमति के गए थे सीएम
भजनलाल शर्मा पर यह मामला इसलिए भी संवेदनशील हो गया है क्योंकि उन्होंने इससे पहले सितंबर में दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा की थी, जिसके लिए उन्होंने अदालत से अनुमति नहीं ली थी। यह यात्रा 9 से 13 सितंबर तक हुई थी और इसका उद्देश्य भी निवेशकों को आमंत्रित करना था।
इसके बाद एडवोकेट सांवरमल चौधरी ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र दायर कर सीएम की अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग की थी, क्योंकि उन्होंने बिना पूर्व अनुमति के विदेश यात्रा की थी। इस मामले में कोर्ट ने सीएम और सीबीआई से जवाब मांगा था।
विरोध के बावजूद कोर्ट ने अनुमति दी
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एडवोकेट सांवरमल चौधरी ने सीएम के प्रार्थना पत्र का विरोध किया और कहा कि भजनलाल ने पहले बिना अनुमति के विदेश यात्रा की थी। इसके बावजूद, अदालत ने उनके विरोध को खारिज करते हुए सीएम को विदेश यात्रा की अनुमति दे दी।
गोपालगढ़ दंगा मामला और अग्रिम जमानत की शर्तें
गौरतलब है कि 2011 में गोपालगढ़ में हुए दंगा मामले में सीएम भजनलाल शर्मा, जाहिदा खान, जमशेद खान, प्रमोद शर्मा, जवाहर सिंह बेढम, केसरी सिंह, गिरधारी तिवारी सहित अन्य आरोपियों को 10 सितंबर 2013 को सशर्त अग्रिम जमानत मिली थी। इन शर्तों में यह भी शामिल था कि आरोपियों को विदेश जाने के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करना होगा और गवाहों को डराने या धमकाने से बचना होगा। अब भजनलाल शर्मा पर यह शर्त लगाई गई है कि वे विदेश यात्रा से पहले और बाद में अदालत को सूचित करें। यह शर्त इसलिए लगाई गई क्योंकि उन्होंने पूर्व में दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा के लिए अनुमति नहीं ली थी।
जाहिदा खान की शर्त हटाने की मांग
गोपालगढ़ दंगा मामले में एक अन्य आरोपी, पूर्व मंत्री जाहिदा खान ने भी 4 अक्टूबर 2024 को अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया। जाहिदा ने मांग की कि उनके खिलाफ लगे “विदेश जाने के लिए अदालत की अनुमति” की शर्त को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले को 11 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक केवल 60 गवाहों के बयान ही दर्ज हो पाए हैं। साथ ही, उनके खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामूली आरोप ही है, जो कि जमानत योग्य है। जाहिदा खान ने यह भी कहा कि उन्होंने आज तक किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है और वे एक सार्वजनिक पद पर कार्यरत हैं, जिसके चलते उन्हें कभी भी विदेश जाना पड़ सकता है। इसलिए उनके लिए अदालत की अनुमति की शर्त को हटाया जाना चाहिए।
सीएम भजनलाल शर्मा को अदालत ने लंदन यात्रा की अनुमति दी है, लेकिन तीन महत्वपूर्ण शर्तें लगाई गई हैं। उनके खिलाफ पहले से ही एक मामला चल रहा है, और इस बार उन्होंने अदालत की अनुमति के बाद ही विदेश यात्रा की योजना बनाई है।