मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर देवनानी ने राज्यपाल को शॉल ओढ़ाकर और पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया। साथ ही, उन्होंने छत्रपति वीर शिवाजी के विशिष्ट कौशल, अद्भुत मूल्यों और वीर कर्मों पर आधारित हो. वे. शेषाद्री की पुस्तक “हिन्दू विजय युग प्रर्वतक” राज्यपाल को भेंट की।
राज्यपाल द्वारा विधानसभा के नवाचारों की सराहना
राज्यपाल बागडे ने इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा की दैनन्दिनी 2024-25 का अवलोकन किया और उसमें किये गए नवाचारों की सराहना की। उन्होंने इस प्रकाशन को देशभर के विधान मण्डलों के लिए एक नजीर बताया। राज्यपाल ने भारतीय नव वर्ष से प्रारंभ विधानसभा डायरी को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और डायरी में प्रत्येक महीने के आरम्भ में प्रकाशित महापुरुषों के चित्रों की पहल को महत्वपूर्ण बताया।
दैनन्दिनी में महापुरुषों का समावेश
देवनानी ने राज्यपाल को जानकारी दी कि राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार दैनन्दिनी का प्रकाशन भारतीय वर्ष के अनुसार नव संवत्सर 2081 के माह चैत्र शुक्ल, प्रतिपदा से आरम्भ किया गया है। नई पीढ़ी में महापुरुषों का स्मरण बनाए रखने के लिए विधान सभा की दैनन्दिनी में महापुरुषों के चित्रों का समावेश किया गया है। इस पहल का उद्देश्य लोगों को महापुरुषों के आदर्श जीवन से प्रेरणा देना है। दैनन्दिनी में जिन महापुरुषों के चित्र समाविष्ट किए गए हैं, उनमें भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, छत्रपति शिवाजी, महर्षि दयानन्द सरस्वती, मीरा बाई, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, स्वामी विवेकानन्द, सुभाष चन्द बोस, महावीर स्वामी, और चन्द्र शेखर आजाद शामिल हैं।
विधान सभा में किये गए नवाचार
स्पीकर देवनानी ने राज्यपाल को विधान सभा में किये गए नवाचारों की पुस्तिका भी भेंट की। उन्होंने बताया कि राजस्थान विधान सभा में आमजन के प्रवेश हेतु विधान सभा जनदर्शन, सदन को पेपरलेस बनाने हेतु ई-विधान सभा, सत्र आरम्भ करने से पहले सर्वदलीय बैठक, सदन में लंच ब्रेक जैसी पहल आरम्भ करके कई नवाचार किये गए हैं। इन नवाचारों का उद्देश्य विधानसभा की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।
उच्च शिक्षा में नवाचारों पर चर्चा
राज्यपाल बागडे ने इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी से राज्य के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। राज्यपाल ने विशेषकर तकनीकी विश्वविद्यालयों की शिक्षा में किये जाने वाले नवाचारों पर सुझाव देने के लिए देवनानी से अनुरोध किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहन देने से छात्रों की योग्यता और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकती है।
इस शिष्टाचार भेंट के दौरान राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के बीच हुई चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान में शिक्षा और प्रशासन में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। देवनानी द्वारा प्रस्तुत किये गए नवाचार न केवल राजस्थान विधानसभा की कार्यप्रणाली में सुधार करेंगे, बल्कि यह देशभर के अन्य विधानमंडलों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।