शोभना शर्मा। 19 दिसंबर 2024 को राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन इलाके में मृत पाए गए कुरजां (डेमोसाइल क्रेन) पक्षियों के बिसरा सैंपल की जांच में बर्ड फ्लू (Avian Flu) वायरस की पुष्टि हुई है। भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनीमल डिजीज लैब से शनिवार शाम को आई रिपोर्ट ने प्रशासन और वन विभाग की चिंता को बढ़ा दिया। यह वायरस न केवल कुरजां बल्कि अन्य पक्षी प्रजातियों के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।
बर्ड फ्लू की खबर मिलते ही फलोदी जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए और क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है। पशुपालन, वन, पुलिस, और स्वास्थ्य विभागों की संयुक्त बैठक कर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए रणनीतियां बनाई गई हैं।
बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन की सक्रियता
जैसे ही रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई, जिला कलेक्टर एचएल अटल ने सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वायरस के संभावित प्रसार को रोकने और बचाव के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। इसके तहत:
रेपिड रेस्पॉन्स टीम: पशुपालन विभाग ने क्षेत्र में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एक टीम गठित की।
सर्वेक्षण और निगरानी: वन विभाग ने कुरजां पक्षियों के ठहराव और विचरण स्थलों पर सघन निगरानी सुनिश्चित की।
सावधानी के निर्देश: आम जनता को कुरजां पक्षियों के निवास स्थलों से दूर रहने की सलाह दी गई।
कुरजां पक्षियों पर विशेष ध्यान
खीचन का चुग्गाघर, जो कुरजां पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है, अब वनकर्मियों और चुग्गाघर के कर्मचारियों की विशेष निगरानी में है। पक्षियों को भोजन देने वालों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
बर्ड फ्लू का संभावित खतरा अन्य पक्षियों पर
विशेषज्ञों का मानना है कि बर्ड फ्लू केवल कुरजां पक्षियों तक सीमित नहीं रहेगा। यह अन्य पक्षी प्रजातियों में भी फैल सकता है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने वन्यजीव संरक्षण उपायों को प्राथमिकता देते हुए सभी संभावित पक्षी प्रवास स्थलों पर विशेष टीमें तैनात की हैं।
बर्ड फ्लू से संबंधित लक्षण और बचाव
बर्ड फ्लू इंसानों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यदि कोई इंसान संक्रमित होता है, तो निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
- तेज बुखार
- गंभीर खांसी और गले में खराश
- सांस लेने में कठिनाई
- मांसपेशियों में दर्द और अत्यधिक थकावट
- आंखों में जलन या संक्रमण
इन लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सा सहायता लेना बेहद जरूरी है।
खीचन में स्थिति की गंभीरता
खीचन के चुग्गाघर में हर साल बड़ी संख्या में कुरजां पक्षी आते हैं। यह स्थान पक्षियों के प्रवास का मुख्य केंद्र है और यहां बर्ड फ्लू का प्रकोप गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। प्रशासन ने क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण और आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय लागू किए हैं।
पशुपालन और चिकित्सा विभाग की तैयारियां
पशुपालन विभाग ने इलाके में बायोसिक्योरिटी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने संभावित मानवीय संक्रमणों से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि बर्ड फ्लू के किसी भी संदिग्ध मामले की तत्काल रिपोर्टिंग आवश्यक है।
वैश्विक संदर्भ: लुइसियाना में भी संदिग्ध स्थिति
बर्ड फ्लू का खतरा केवल भारत तक सीमित नहीं है। अमेरिका के लुइसियाना में भी इसी प्रकार की स्थिति देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर इस वायरस का प्रसार चिंताजनक है और इसके लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं।
सतर्कता और रोकथाम की आवश्यकता
बर्ड फ्लू के प्रकोप ने स्थानीय प्रशासन और जनता के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। हालांकि, जिला प्रशासन, वन विभाग, और स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कदम उठाए हैं, फिर भी इस वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए सतर्कता और व्यापक जनसहभागिता आवश्यक है।