मनीषा शर्मा। राजस्थान के दौसा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डीसी बैरवा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार जगमोहन मीणा को 2300 से अधिक वोटों से हराया। यह चुनाव न केवल दो प्रत्याशियों के बीच था, बल्कि इसे कांग्रेस नेता सचिन पायलट और बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा के बीच राजनीतिक प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा गया। इस जीत के बाद टीकाराम जूली के जन्मदिन पर अलवर पहुंचे डीसी बैरवा ने मीडिया से बातचीत में किरोड़ी लाल मीणा पर तीखा हमला बोला।
किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत पर तंज
डीसी बैरवा ने किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब होने पर कहा कि चुनाव के कारण उन्हें “एसिडिटी और बदहजमी” हो गई। उन्होंने इसे बीजेपी की हार से जोड़ते हुए हल्के फुल्के अंदाज में निशाना साधा।
27 नवंबर को किरोड़ी लाल मीणा अस्पताल में भर्ती
किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें पेट दर्द और गेस्ट्रोएंट्रोलाइटिस की समस्या हुई। उनकी तबीयत में अब सुधार है।
डीसी बैरवा के प्रमुख बयान
- किरोड़ी लाल मीणा पर कटाक्ष:
डीसी बैरवा ने कहा कि “चुनाव के चक्कर में किरोड़ी लाल मीणा को एसिडिटी हो गई।”- जयचंद वाले बयान पर प्रतिक्रिया:
किरोड़ी लाल मीणा के “जयचंद” वाले बयान पर बैरवा ने कहा कि वे खुद ही ऐसे नामों का खुलासा करेंगे।- सचिन पायलट के प्रति आभार:
उन्होंने सचिन पायलट के योगदान को सराहते हुए कहा, “पायलट साहब ने 12 घंटे का समय दिया। हमेशा उनका आभारी रहूंगा।”- बीजेपी की हार पर तंज:
डीसी बैरवा ने कहा कि उपचुनाव में बीजेपी को फायदा हुआ है क्योंकि उनके सीएम और डिप्टी सीएम अब “सुकून की नींद सोएंगे।”चुनाव की पृष्ठभूमि
बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति:
- बीजेपी:
प्रत्याशी: जगमोहन मीणा (किरोड़ी लाल मीणा के भाई)। चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर थी।
- कांग्रेस:
प्रत्याशी: डीसी बैरवा। सचिन पायलट ने दौसा में प्रचार की कमान संभाली।
चुनाव परिणाम:
- कांग्रेस: डीसी बैरवा (जीत)।
- बीजेपी: जगमोहन मीणा (हार)।
सचिन पायलट का प्रभाव
डीसी बैरवा ने कहा कि सचिन पायलट ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पायलट ने 12 घंटे का समय दिया और लगातार प्रचार किया। उनके प्रयासों से कांग्रेस को जीत मिली। पायलट की लोकप्रियता दौसा और उसके आसपास के क्षेत्रों में बड़ी वजह बनी।
किरोड़ी लाल मीणा की राजनीतिक प्रतिष्ठा पर असर
किरोड़ी लाल मीणा की छवि:
किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी के प्रमुख आदिवासी नेता हैं। उनकी छवि जनता के बीच प्रभावशाली रही है।
इस हार का असर:
इस चुनाव में हार से उनकी प्रतिष्ठा को झटका लगा है। जगमोहन मीणा की हार से किरोड़ी लाल मीणा की राजनीतिक पकड़ पर सवाल उठ रहे हैं।
राजनीतिक बयानबाजी का दौर
किरोड़ी लाल मीणा के “जयचंद” वाले बयान:
चुनाव प्रचार के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने “जयचंद” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। डीसी बैरवा ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि “जयचंद के नाम खुद किरोड़ी लाल ही बता देंगे।”
मंच साझा करने का मुद्दा:
जब डीसी बैरवा से पूछा गया कि क्या वे किरोड़ी लाल मीणा के साथ मंच साझा करेंगे, तो उन्होंने कहा, “मंच साझा होते रहते हैं, जनता खुद सच बताएगी।”
उपचुनाव का महत्व
दौसा विधानसभा सीट:
यह सीट सचिन पायलट और किरोड़ी लाल मीणा दोनों के लिए अहम थी। पायलट ने इसे कांग्रेस की प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया। किरोड़ी लाल मीणा ने इसे बीजेपी की साख बचाने का जरिया माना।