मनीषा शर्मा। राजस्थान के डीग जिले के छोटे से गांव सहेरा के रहने वाले चेतन शर्मा का चयन अंडर-19 एशिया कप के लिए भारतीय टीम में हुआ है। एक सामान्य पुजारी के बेटे चेतन ने गरीबी और आर्थिक संघर्षों के बीच अपनी क्रिकेट यात्रा शुरू की। भरतपुर के ग्राउंड में प्रैक्टिस के दौरान कई बार उन्हें पैसे की कमी से जूझना पड़ा। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि उन्हें किराये का कमरा भी मिलना मुश्किल था, और वह अपने दोस्त के साथ मंदिर में रात बिताते थे।
चैलेंजर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन
चेतन ने बीसीसीआई की चैलेंजर ट्रॉफी और इंडिया-ऑस्ट्रेलिया सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें अंडर-19 भारतीय टीम में चयन का अवसर मिला। उनके प्रदर्शन ने गांव से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर उनकी पहचान बनाई।शारजाह में अंडर-19 एशिया कप में भागीदारी
चेतन शर्मा अब भारतीय अंडर-19 टीम का हिस्सा बनकर शारजाह में आयोजित एशिया कप में भाग लेंगे, जहां भारत का पहला मुकाबला 30 नवंबर को पाकिस्तान से होगा। उनके चयन से उनके परिवार और गांव में उत्साह का माहौल है, और उनके प्रशंसक उनकी सफलता का जश्न मना रहे हैं।संघर्ष से प्रेरणा की कहानी
चेतन का यह सफर संघर्ष, समर्पण और प्रेरणा से भरा है। उनके पिता वृंदावन में एक मंदिर के पुजारी हैं और परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति के बावजूद चेतन ने अपने खेल में उत्कृष्टता हासिल की। भरतपुर जिला क्रिकेट संघ सचिव शत्रुघ्न तिवारी ने चेतन के सपनों को पूरा करने में योगदान दिया और उन्हें दिल्ली व जयपुर में आगे का प्रशिक्षण दिलाया।इस लेख में चेतन के संघर्ष और सफलता की कहानी, उनकी मेहनत और क्रिकेट की दुनिया में उनकी उभरती हुई छवि को विस्तार से बताया जाएगा। चेतन का यह सफर नई पीढ़ी के क्रिकेटर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने सपनों को पूरा करने की चाहत रखते हैं।