शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में बुधवार को एक बार फिर से हलचल मच गई जब राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने महेश नगर थाने की प्रभारी कविता शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। मीणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आरोप लगाया कि कविता शर्मा ने खिलाड़ी कोटे के तहत पुलिस विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाई है। उन्होंने इसे “फर्जी भर्ती” करार देते हुए कहा कि यह नियुक्ति नियमों के उल्लंघन और झूठे दावों पर आधारित है।
किरोड़ीलाल ने यह भी कहा कि कविता शर्मा न तो कोई खिलाड़ी हैं और न ही उन्होंने किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीता है। उन्होंने यह दावा किया कि इस मामले में डीसीपी संजीव जैन द्वारा जांच की गई थी और मामला सत्य पाया गया था। इसके बावजूद, कार्रवाई न होने पर उन्होंने पुलिस और सरकार पर तीखा प्रहार किया।
खिलाड़ी कोटे की नियुक्ति पर उठे सवाल
किरोड़ीलाल मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कविता शर्मा की नियुक्ति खिलाड़ी कोटे के अंतर्गत हुई थी, लेकिन एटीएस की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि यह नियुक्ति फर्जी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कविता शर्मा ने नियुक्ति के लिए फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारी दी। उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोषी साबित होने के बाद भी कविता शर्मा न केवल पुलिस सेवा में बनी हुई हैं, बल्कि जयपुर जैसे बड़े शहर में एक थाने की प्रभारी के रूप में तैनात हैं। मीणा ने कहा, “जिन लोगों के खिलाफ मुकदमे और चार्जशीट होती हैं, उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जाती। लेकिन कविता शर्मा जैसे अधिकारियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है।”
महिला के फ्लैट पर कब्जे का आरोप
मीणा ने कविता शर्मा पर एक और गंभीर आरोप लगाया कि उन्होंने एक महिला के फ्लैट पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जोतवाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज है और महिला, जो इस घटना से डरी हुई है, कोलकाता चली गई है। मीणा ने कहा कि इस मामले की सच्चाई वह जल्द ही प्रेस के सामने पेश करेंगे। मीणा ने कहा कि पुलिस विभाग के ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई न होने से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके ऊपर कोई मुकदमा दर्ज होता है तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए, लेकिन कानून का पालन सभी के लिए समान होना चाहिए।
बेरोजगार छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई की निंदा
मीणा ने अपने बयान में पुलिस द्वारा मंगलवार रात बेरोजगार छात्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई को भी गलत ठहराया। यह कार्रवाई एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों के खिलाफ की गई थी। मीणा ने कहा कि छात्रों पर इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र और कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “पुलिस ने रात के समय छात्रों के घरों में घुसकर कार्रवाई की। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है।”
सरकार और लॉबी पर आरोप
मीणा ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे राज्य सरकार की एक लॉबी पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह लॉबी उनके और मुख्यमंत्री के बीच दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके पास बेरोजगार छात्रों और सरपंच संघ के सदस्य आए थे, जिनकी मांगें वह मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते थे। लेकिन इसके बाद जो पुलिसिया कार्रवाई हुई, वह पूरी तरह गलत और अन्यायपूर्ण थी। उन्होंने कहा, “सरकार को मेरे खिलाफ गलत इंटेलिजेंस रिपोर्ट दी जा रही है। इससे स्पष्ट है कि एक साजिश के तहत मुझे और मुख्यमंत्री को अलग करने की कोशिश की जा रही है।”
गृह मंत्री और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
मीणा ने राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री से कविता शर्मा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी फर्जी तरीके से नियुक्ति पाते हैं और जिन पर गंभीर आरोप होते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कानून से बड़ा कोई नहीं है। अगर मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज होता है, तो मुझे भी गिरफ्तार करें। लेकिन कविता शर्मा जैसे अधिकारियों को कानून से ऊपर नहीं रखा जा सकता।”
कविता शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग
किरोड़ीलाल मीणा ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और गलत नियुक्तियों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने इस मामले को उच्च स्तर पर उठाने की बात कही और कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो वह इसे जनता और उच्च न्यायालय के सामने ले जाएंगे।