latest-newsअजमेरराजस्थान

अजमेर को जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग: नई बहस का आगाज़

अजमेर को जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग: नई बहस का आगाज़

मनीषा शर्मा, अजमेर।  अजमेर दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन ने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि अजमेर को राष्ट्रीय जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। इस मांग के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। उनके इस बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें विष्णु गुप्ता, जो हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने उनका समर्थन किया है। गुप्ता ने कहा कि कम से कम दीवान ने यह मानने को तैयार हुए हैं कि यह जैनियों का तीर्थ स्थल है और यहां पर जैन मंदिर भी थे।

यह मामला तब चर्चा में आया जब विष्णु गुप्ता ने दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के साथ एक याचिका दायर की थी। उनके दावे के बाद से यह मुद्दा गरमाया हुआ है। दरगाह दीवान के बयान के बाद, गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपने केस में दरगाह के अंदर प्राचीन मंदिरों का उल्लेख किया है, जिसमें जैन मंदिर भी शामिल हैं। उनका कहना है कि अजमेर की दरगाह उन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई है।

दीवान जैनुअल आबेदीन ने अपने बयान में कहा कि भारत अनेक धर्मों और समृद्ध आध्यात्मिक विरासतों का संगम है। उन्होंने अजमेर शहर के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह विश्वभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इसके साथ ही उन्होंने ब्रह्मा जी के तीर्थ को भी अजमेर की धार्मिक प्रतिष्ठा में जोड़ते हुए कहा कि 6 फरवरी को देशभर में जैन समाज की ओर से आचार्य 108 विद्यासागर महाराज की पुण्यतिथि मनाई जाएगी।

दीवान ने यह भी कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज का अजमेर से विशेष संबंध रहा है, जहां से उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन की यात्रा प्रारंभ की थी। उन्होंने मांग की कि अजमेर को जैन धर्म के राष्ट्रीय तीर्थ स्थल का दर्जा प्रदान किया जाए, जिससे न केवल जैन समाज को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह भारत की समृद्ध धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को भी प्रतिष्ठा प्रदान करेगा। विष्णु गुप्ता ने कहा कि यदि अजमेर को जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाता है, तो यह सभी हिंदुओं के लिए स्वागत योग्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे उनके केस को भी बल मिलेगा। गुप्ता ने यह भी कहा कि दरगाह दीवान ने कम से कम यह मानने को तैयार तो हुए कि यहां जैन मंदिर थे, जिसके लिए उन्होंने उनका धन्यवाद किया।

गुप्ता ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा शामिल है और गर्भगृह में एक जैन मंदिर होने का दावा किया है। इस मामले में अजमेर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस भेजा है।गुप्ता ने यह भी बताया कि 24 जनवरी को हुई सुनवाई के बाद, उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। उन्होंने कहा कि यह हमला सोची-समझी साजिश है ताकि वह अपने केस को आगे न बढ़ा सकें।

अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी, जिसमें गुप्ता ने दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर अपनी बात रखी है। इस मामले में दरगाह कमेटी ने याचिका को खारिज करने की मांग की है, लेकिन गुप्ता का कहना है कि यह सुनवाई योग्य है।  अजमेर दरगाह को जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच संवाद और समझ बढ़ाने की आवश्यकता है। यह मामला न केवल धार्मिक पहचान का सवाल है, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकता है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading