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सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र की बाध्यता समाप्त करने की मांग

सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र की बाध्यता समाप्त करने की मांग

मनीषा शर्मा, अजमेर। बुधवार को वाल्मीकि समाज ने नगर निगम के बाहर प्रदर्शन करते हुए सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की। समाज का कहना है कि जो लोग बचपन से ही सफाई कार्य कर रहे हैं, उनके जाति प्रमाण पत्र को ही अनुभव प्रमाण मान लिया जाए। वाल्मीकि समाज का कहना है कि सफाई कर्मचारी बनने के लिए अलग से अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त उनके लिए अनुचित और अन्यायपूर्ण है।

वाल्मीकि समाज के शहर अध्यक्ष राहुल चरनाल के नेतृत्व में समाज के लोग नगर निगम के बाहर एकत्र हुए और टायर जलाकर विरोध जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस बाध्यता को हटाने की मांग की, ताकि वाल्मीकि समाज के लोगों को इस तरह की शर्त से छुटकारा मिले।

अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त: वाल्मीकि समाज की आपत्ति

शहर अध्यक्ष राहुल चरनाल का कहना है कि वाल्मीकि समाज ने पीढ़ियों से सफाई कार्य को अपने कर्तव्य के रूप में निभाया है। ऐसे में उनके लिए अनुभव प्रमाण पत्र की मांग करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि जो वाल्मीकि समाज से हैं, उनका जाति प्रमाण पत्र ही उनके अनुभव का प्रमाण मान लिया जाए, क्योंकि वे लंबे समय से सफाई के कार्य में शामिल हैं।

राहुल चरनाल ने कहा कि यह अनुभव अन्य समुदायों से मांगा जाए जिन्होंने कभी सफाई कार्य नहीं किया है, लेकिन वाल्मीकि समाज को इससे छूट दी जाए। अजमेर के डोर टू डोर कचरा संग्रहण कार्य में लगे कर्मचारियों को भी अब तक उचित अनुभव नहीं मिला है, जो ठेकेदार की लापरवाही के कारण है।

ठेकेदारों और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

शहर अध्यक्ष ने आगे कहा कि सफाई कर्मचारियों को अनुभव प्रमाण पत्र के मामले में अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही झेलनी पड़ रही है। अधिकारी और ठेकेदार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हैं, जिससे वाल्मीकि समाज के लोगों को कठिनाई होती है। इस प्रकार की खामियों के कारण ही वाल्मीकि समाज में आक्रोश बढ़ रहा है।

वाल्मीकि समाज का आंदोलन की चेतावनी

वाल्मीकि समाज ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर उचित कदम नहीं उठाते हैं, तो वाल्मीकि समाज व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेगा।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और वाल्मीकि समाज को उनके अनुभव प्रमाण पत्र की बाध्यता से राहत देनी चाहिए। समाज के लोगों ने टायर जलाकर और नारेबाजी कर अपना विरोध जताया और मुख्यमंत्री से जल्द इस मुद्दे पर निर्णय लेने की अपील की।

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