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होम्योपैथी और आयुर्वेद से डेंगू का इलाज संभव

होम्योपैथी और आयुर्वेद से डेंगू का इलाज संभव

शोभना शर्मा।  दुनिया में तेजी से बढ़ती बीमारियों और उनके इलाज के तरीकों में लगातार बदलाव हो रहा है। एलोपैथी के साथ-साथ अब होम्योपैथी और आयुर्वेद भी बीमारियों के इलाज में विश्वसनीय और प्रभावी विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। इसी दिशा में जयपुर स्थित केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान (सीआरआईएच) ने हाल ही में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के होम्योपैथी और आयुर्वेदिक इलाज पर महत्वपूर्ण रिसर्च और उपलब्धियों का खुलासा किया।

100 दिन की उपलब्धियां: रिसर्च और केस स्टडीज पब्लिश

सीआरआईएच जयपुर के अधिकारियों ने अपने 100 दिनों के कार्यों का लेखा-जोखा मीडिया के सामने प्रस्तुत किया। प्रभारी अधिकारी डॉ. निधि महाजन और अनुसंधान अधिकारी डॉ. उत्तम सिंह ने जानकारी दी कि इस अवधि में संस्थान ने 11 रिसर्च पेपर और 17 केस रिपोर्ट्स पब्लिश की हैं। इन रिपोर्ट्स में विभिन्न बीमारियों और उनके इलाज के तरीकों पर अध्ययन किया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि आगे की रिसर्च और ट्रेनिंग के लिए केन्द्रीय मंत्रालय ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के साथ 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों के माध्यम से होम्योपैथी और आयुर्वेद में नई दवाओं और उपचार पद्धतियों की खोज और विकास पर जोर दिया जाएगा।

डेंगू और मलेरिया का होम्योपैथी से इलाज

रिसर्च अधिकारी डॉ. आशीष महाजन ने बताया कि होम्योपैथी में न केवल सामान्य बीमारियों जैसे पथरी, उच्च रक्तचाप, बुखार, और त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज किया जा रहा है, बल्कि डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है।

होम्योपैथी में डेंगू और मलेरिया के मरीजों के इलाज के दौरान उनकी इम्युनिटी को बूस्ट करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही, मरीज के प्लेटलेट्स को बढ़ाने और शरीर में हो रहे इंफेक्शन को कम करने के लिए विशिष्ट दवाएं दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि सीआरआईएच जयपुर के प्रताप नगर स्थित कैंपस में इन बीमारियों के लिए एक विशेष ओपीडी का भी संचालन हो रहा है, जहाँ पर मरीजों की नियमित जांच और इलाज किया जा रहा है। पिछले 100 दिनों के भीतर संस्थान ने 8,000 से अधिक मरीजों का उपचार किया है।

जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के लिए जागरूकता कैंप

सीआरआईएच की ओर से केवल बीमारियों का इलाज ही नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम और जागरूकता के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के तहत संस्थान ने गांवों, स्कूलों और विभिन्न स्थानों पर अवेयरनेस कैंप आयोजित किए, जहाँ लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, खान-पान की आदतों में सुधार, और बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी दी गई।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण भी कारगर

सीआरआईएच के विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि आयुर्वेद में भी डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए कारगर उपचार उपलब्ध हैं। आयुर्वेदिक उपचारों में मरीज के शरीर की इम्युनिटी को प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और औषधियों के माध्यम से बढ़ाया जाता है, जिससे मरीज तेजी से स्वस्थ हो सके। आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और वायरस से लड़ने के लिए पारंपरिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।

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