latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

दिल्ली विधानसभा चुनावों में राजस्थान कांग्रेस नेताओं की तैनाती और रणनीति

दिल्ली विधानसभा चुनावों में राजस्थान कांग्रेस नेताओं की तैनाती और रणनीति

मनीषा शर्मा। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी रणनीति को और मजबूत करने के लिए राजस्थान के 35 नेताओं को विशेष जिम्मेदारियां दी हैं। इनमें सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हैं। इन नेताओं को विधानसभा सीटों पर को-ऑर्डिनेटर के रूप में तैनात किया गया है। पार्टी ने यह कदम चुनाव प्रचार और प्रबंधन को बेहतर ढंग से संभालने के उद्देश्य से उठाया है।

राजस्थान से नेताओं की तैनाती: एक विस्तृत योजना

कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के सांसदों और विधायकों के साथ-साथ चुनावों में हार का सामना कर चुके प्रत्याशियों को भी मैदान में उतारा है। इन्हें दिल्ली की विभिन्न विधानसभा सीटों पर तैनात कर चुनाव प्रचार, प्रबंधन और स्थानीय रिपोर्टिंग का जिम्मा सौंपा गया है।

इन 35 नेताओं में चार सांसद, नौ वर्तमान विधायक, 11 पूर्व विधायक और छह प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी शामिल हैं। सभी को यह निर्देश दिया गया है कि वे प्रतिदिन अपने क्षेत्र की चुनावी स्थिति और अभियान से जुड़ी रिपोर्ट पार्टी को सौंपें।

महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

सांसदों की भूमिका

पार्टी ने राजस्थान के चार सांसदों को महत्वपूर्ण सीटों का जिम्मा दिया है। गंगानगर के सांसद कुलदीप इंदौरा को बिजवासन, चूरू के सांसद राहुल कस्वां को नजफगढ़, सांसद भजनलाल जाटव और पूर्व मंत्री जाहिदा खान को सीमापुरी सीट की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, सांसद संजना जाटव और विधायक अशोक चांदना को कस्तूरबा नगर सीट का को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है।

विधायकों को दी गई जिम्मेदारियां

राजस्थान के नौ विधायकों को सीटवार को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है। इनमें अशोक चांदना, रफीक खान, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, मुकेश भाकर, मनीष यादव, इंद्रा मीणा, रामनिवास गावड़िया, रीटा चौधरी और शिखा मील बराला जैसे नाम शामिल हैं। इन्हें मुस्तफाबाद, सीलमपुर, बल्लीमारान, नांगलोई जाट, शकुर बस्ती, बुराड़ी, दिल्ली कैंट और ग्रेटर कैलाश जैसी प्रमुख सीटों पर जिम्मेदारी दी गई है।

लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों की भूमिका

पार्टी ने उन नेताओं को भी जिम्मेदारियां दी हैं, जिन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था। उदाहरण के लिए, जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़े करण सिंह उचियारड़ा को मुस्तफाबाद और पाली से चुनाव लड़ीं संगीता बेनीवाल को आदर्श नगर की जिम्मेदारी दी गई है। सांगानेर के प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज को बदरपुर सीट पर लगाया गया है।

पूर्व विधायकों का योगदान

कांग्रेस ने अपने 11 पूर्व विधायकों को भी सक्रिय भूमिका में उतारा है। पूर्व मंत्री ममता भूपेश को अंबेडकर नगर, प्रमोद जैन भाया को बल्लीमारान, और रामलाल जाटनसीम अख्तर इंसाफ को मटियामहल की जिम्मेदारी दी गई है। इनके अलावा, कई अन्य पूर्व विधायकों को अलग-अलग सीटों पर तैनात किया गया है।

कांग्रेस पदाधिकारियों की ड्यूटी

पार्टी ने प्रदेश पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें महासचिव देशराज मीणा, सचिव हिम्मत सिंह गुर्जर, महासचिव महेश शर्मा, और पीसीसी सदस्य बिश्नाराम सिहाग जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी नेता करावल नगर, आरके पुरम, राजौरी गार्डन और द्वारका जैसे क्षेत्रों में काम करेंगे।

रणनीतिक महत्व और उद्देश्य

राजस्थान के इन नेताओं को दिल्ली में तैनात करने के पीछे पार्टी की मुख्य रणनीति स्थानीय नेताओं और मतदाताओं को संगठित करना है। ये नेता न केवल चुनाव प्रचार और प्रबंधन में योगदान देंगे, बल्कि पार्टी की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण कर इसे मजबूत बनाने में भी मदद करेंगे।

इन नेताओं को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से निर्देश मिलेगा और ये अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से चुनाव अभियान को प्रभावी बनाने में सहयोग करेंगे। राजस्थान के नेताओं की यह तैनाती कांग्रेस की मजबूत और केंद्रित चुनावी रणनीति का हिस्सा है।

कांग्रेस का चुनावी मैनेजमेंट

चुनावों में सफल होने के लिए कांग्रेस ने इस बार चुनावी प्रबंधन को प्राथमिकता दी है। पार्टी ने हर विधानसभा सीट पर को-ऑर्डिनेटर तैनात किए हैं, जो चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखेंगे। इनकी भूमिका पार्टी की नीतियों को मतदाताओं तक पहुंचाने और स्थानीय मुद्दों को समझने में अहम होगी।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading