मनीषा शर्मा। राजस्थान में सर्दी के चरम पर होने के बावजूद डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में कमी नहीं आई है। जनवरी 2025 के शुरुआती 13 दिनों में राज्यभर में इन बीमारियों के कुल 56 नए केस सामने आए हैं। इनमें 24 डेंगू, 11 मलेरिया और 21 चिकनगुनिया के मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू के सबसे अधिक 5 मरीज चित्तौड़गढ़ जिले में पाए गए, जबकि जयपुर में 4 केस दर्ज हुए।
चिकनगुनिया के मामलों में उदयपुर और जयपुर जिलों में 4-4 मरीज मिले हैं। इसके अलावा कोटा में 3, जबकि सीकर, झुंझुनूं, नागौर, करौली, जालोर, धौलपुर, चूरू, दौसा, अजमेर और अलवर में 1-1 केस सामने आया है। मलेरिया के मामले भी सीमावर्ती जिलों में सक्रिय हैं। बाड़मेर, बीकानेर और जैसलमेर के साथ-साथ उदयपुर और सलूंबर में 2-2 मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं, सवाई माधोपुर में 1 मलेरिया का मामला पाया गया।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन बीमारियों के मामले अब पूरे साल दर्ज किए जाते हैं। एसएमएस अस्पताल के जूनियर स्पेशलिस्ट डॉ. मनोज शर्मा ने कहा कि पहले डेंगू और चिकनगुनिया के मामले मानसून के दौरान और उसके बाद बढ़ते थे। लेकिन अब इनमें सालभर कमी नहीं होती। हालांकि, सर्दियों के दौरान इन बीमारियों की गंभीरता कम रहती है।
राजस्थान के 49 जिलों में से 6 जिलों में मलेरिया, 11 जिलों में डेंगू और 12 जिलों में चिकनगुनिया के केस दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मच्छरों के बढ़ने से सर्दियों में भी इन बीमारियों का खतरा बना रहता है। राहत की बात यह है कि इन 56 मामलों में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मच्छरों की रोकथाम के लिए साफ-सफाई बनाए रखना और जलभराव को रोकना बेहद जरूरी है। सर्दी में भी मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।