मनीषा शर्मा। DGGI (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ़ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस) की जयपुर जोनल यूनिट ने 16.90 करोड़ रुपये की GST चोरी का पर्दाफाश किया है। इस घोटाले में एक इंश्योरेंस कंपनी के एजेंट, परवेज, को गिरफ्तार किया गया है। परवेज ने फर्जी बिलिंग के जरिए GST चोरी को अंजाम दिया। कोर्ट में पेशी के बाद परवेज को न्यायिक हिरासत (JC) में भेज दिया गया है।
खुफिया जानकारी से हुआ खुलासा
DGGI के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर परवेज, निवासी बीकानेर, को गिरफ्तार किया। वह एक इंश्योरेंस कंपनी का एजेंट है और पॉलिसी बुकिंग का काम करता था। पॉलिसी बुकिंग पर मिलने वाले कमीशन पर 18% GST लागू होता है।
कैसे हुआ GST चोरी का खेल?
परवेज ने GST चोरी के लिए 5 फर्जी फर्में बनाई थीं।
- मेसर्स 24X7 इंश्योरेंस सॉल्यूशंस – यह फर्म GST चोरी का मुख्य जरिया थी।
- अन्य 4 फर्में परवेज ने अपने कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर दिल्ली और एनसीआर में रजिस्टर करवाई थीं।
इन फर्मों के जरिए नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठाकर सरकार को 16.90 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई।
फर्जी बिलिंग का तरीका
परवेज इन फर्मों के नाम से बीमा सेवाओं के फर्जी बिल बनाता था और GST इनवॉयस के जरिए ITC का लाभ उठाता था। अधिकारियों ने शनिवार और रविवार को परवेज और उसकी फर्मों के मालिकों के बयान दर्ज किए। पूछताछ के दौरान परवेज ने 5 फर्मों से GST चोरी करने की बात कबूल की।
अगली कार्रवाई की तैयारी
DGGI की ओर से यह आशंका जताई गई है कि बीमा सेवा क्षेत्र में इस तरह की और बड़ी कर चोरी के मामले सामने आ सकते हैं। विभाग ने जांच तेज कर दी है और अन्य फर्जी फर्मों को ट्रैक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।