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घोघरा के बयान पर डोटासरा की नसीहत:अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं करें

घोघरा के बयान पर डोटासरा की नसीहत:अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं करें

शोभना शर्मा।  राजस्थान की राजनीति में इन दिनों बयानबाजी का दौर जारी है। कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा (Ganesh Ghogra) के हाल ही में विधानसभा में दिए गए बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि घोघरा का बयान गलत है और किसी भी जनप्रतिनिधि को सदन में अमर्यादित या असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

डोटासरा ने यह टिप्पणी जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान की, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने संगठन की आगामी रणनीतियों पर भी चर्चा की। साथ ही, उन्होंने मौजूदा राज्य सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि ब्यूरोक्रेसी सरकार चला रही है, जिससे जनप्रतिनिधियों की भूमिका कमजोर हो गई है।

“राजस्थान में सरकार नहीं, ब्यूरोक्रेट्स चला रहे शासन”

गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रेसवार्ता के दौरान राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। ब्यूरोक्रेट्स सरकार चला रहे हैं और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार कांग्रेस की पिछली योजनाओं को कमजोर करने में जुटी है। उन्होंने गहलोत सरकार की चिरंजीवी योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले इस योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त मिलता था, लेकिन अब मरीजों को दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं। साथ ही, इंग्लिश मीडियम स्कूलों को समीक्षा के नाम पर बंद करने की तैयारी की जा रही है और सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। डोटासरा ने राज्य में अवैध बजरी खनन को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “सरकार की नाक के नीचे अवैध बजरी का व्यापार फल-फूल रहा है, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।” इसके अलावा, उन्होंने शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि सरकार लगातार जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है।

मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी पर उठाए सवाल

डोटासरा ने मुख्यमंत्री की विधानसभा में अनुपस्थिति पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “6 दिनों तक मुख्यमंत्री विधानसभा में नहीं दिखाई दिए, जबकि सरकार को सदन में जवाब देना चाहिए। गतिरोध तोड़ने में सरकार पूरी तरह विफल हो रही है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए वह हर जिले में बैठकें लेंगे, सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देंगे और निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को बाहर किया जाएगा। साथ ही, कांग्रेस राज्य के 55,000 पोलिंग बूथों पर बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने की रणनीति पर काम कर रही है।

“मैंने कभी अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं किया” – डोटासरा

जब डोटासरा से उनके अपने बयानों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने कभी भी अमर्यादित शब्दों का उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा, “मेरी भाषा हमेशा मर्यादित रही है और आगे भी रहेगी। विधानसभा में मेरी भाषा 100% सही थी।” गणेश घोघरा के बयान पर नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, “हमने उसी समय कह दिया था कि उनका बयान गलत है। चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष, किसी को भी सदन में असंसदीय भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए।”

डोटासरा ने अपने बयान के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस किसी भी स्तर पर असंसदीय भाषा के उपयोग का समर्थन नहीं करती, चाहे वह उनकी ही पार्टी का कोई विधायक क्यों न हो। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों और कार्यशैली को लेकर भी अपनी असहमति जताई। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा अपने बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और राज्य सरकार डोटासरा के आरोपों पर क्या सफाई पेश करती है।

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