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डोटासरा ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप, दिया जेल में डालने की चुनौती

डोटासरा ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप, दिया जेल में डालने की चुनौती

मनीषा शर्मा। राजस्थान के चूरू में पहले विधायक और किसान नेता कुंभाराम आर्य की प्रतिमा के अनावरण समारोह के दौरान राजनीतिक बयानबाजियों की झड़ी लग गई। इस समारोह में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर तीखे आरोप लगाए, खासकर पेपर चोरी के आरोपों को लेकर। डोटासरा ने मंच से भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी पार्टी बिना किसी आधार के उन पर पेपर चोरी का आरोप लगा रही है और इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो उन्हें जेल में डाल दे। उन्होंने कहा, “आपकी डबल इंजन की सरकार है। जिसने बेइमानी की, जिसने बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ किया, उनको जेल में डालिए, आपको कौन मना कर रहा है।”

डोटासरा ने भाजपा नेताओं पर यह आरोप भी लगाया कि वे केवल भाषण देकर जनता को भ्रमित करने का काम करते हैं और उनके पास कोई ठोस कार्रवाई करने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता केवल हेलिकॉप्टर से आते हैं, भाषण देकर चले जाते हैं और लोगों को उनके मुद्दों पर कोई राहत नहीं मिलती।

किरोड़ीलाल मीणा पर भी साधा निशाना

डोटासरा ने अपने संबोधन में भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि किरोड़ीलाल मीणा ने अपने भाई के टिकट के लिए राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष किया, यहां तक कि अनशन तक किया। उन्होंने कहा, “कृषि मंत्री कहते हैं कि किसान की आदत बन गई है कि वो लोन लेगा और फिर नहीं चुकाएगा। मैं कहता हूं कि यह आदत किरोड़ीलाल मीणा की बन गई है। खुद मंत्री, भतीजा एमएलए और भाई की टिकट के लिए आप अनशन पर बैठकर सरकार के खिलाफ लड़ने लग गए।” उन्होंने कहा कि जैसे ही उनके भाई को टिकट मिला, वे भाजपा नेताओं के साथ फिर से जुड़ गए। इस पर तंज कसते हुए उन्होंने इसे एक राजनीतिक तमाशा करार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी पर भी कटाक्ष

डोटासरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि उनकी सरकार में कई मंत्री किसान हितों के लिए किए गए वादों का पालन नहीं कर रहे। उन्होंने कहा, “जिस सरकार के मंत्री तीन महीने से धरने पर बैठे तो पीएम नरेंद्र मोदी किस मुंह से किसान की बात करते हैं।” डोटासरा ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी अच्छे कार्य की सराहना करते हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी द्वारा किया गया हो, लेकिन अगर किसान हित की बात करने वाले ही सरकार के खिलाफ बैठे हों तो ये उनकी कथनी और करनी में अंतर को दिखाता है।

कांग्रेस की ओर से किसानों के लिए किए गए कार्य

डोटासरा ने इस मौके पर कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र किया और बताया कि उनकी सरकार ने किसानों के कर्ज माफी के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 14,000 करोड़ रुपये का किसान कर्ज माफ किया है, परंतु राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों का कर्ज माफ नहीं हो सका क्योंकि केंद्र में मोदी की सरकार है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की केवल एक ही जाति होती है और उन्हें जातियों में विभाजित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने किसान नेता कुंभाराम आर्य के सिद्धांतों का अनुसरण करने की बात भी कही।

भाजपा विधायक हरलाल सहारण का विरोध

चूरू के भाजपा विधायक हरलाल सहारण ने समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया। उनका आरोप था कि इस कार्यक्रम का कांग्रेसीकरण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आमंत्रण कार्ड में केवल उनका और प्रधान का नाम था और बाकी किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई थी। सहारण का आरोप था कि कार्यक्रम को राजनीति का मंच बना दिया गया, जबकि यह सर्व समाज का आयोजन होना चाहिए था।

हालांकि, समारोह में शामिल न होने के बावजूद, शाम को सहारण अपने कार्यकर्ताओं के साथ कुंभाराम आर्य की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि कुंभाराम आर्य सर्व समाज के नेता थे और इस प्रकार के आयोजन में राजनीति नहीं होनी चाहिए।

किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा

इस अवसर पर चूरू के सांसद राहुल कस्वां ने भी अपने विचार रखे और चौधरी कुंभाराम आर्य के संघर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा तो वे सड़क पर उतरने में कोई संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुंभाराम आर्य ने किसानों के अधिकारों के लिए अपना जीवन समर्पित किया और वे सभी किसानों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे।

राजनीतिक माहौल में गर्मी

यह समारोह एक प्रतीकात्मक आयोजन था, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बयानों ने इसे राजनीति का एक अखाड़ा बना दिया। कांग्रेस के नेता इसे किसानों के हित का मंच मानते हैं, जबकि भाजपा के नेताओं का मानना है कि इसे कांग्रेस का प्रचार मंच बना दिया गया। यह आयोजन राजस्थान की राजनीति में जारी खींचतान का एक और उदाहरण बन गया, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटी हैं।

कुंभाराम आर्य की प्रतिमा अनावरण समारोह में किसानों के हितों और राजनीति के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की गई, लेकिन यह कार्यक्रम राजनीतिक विवादों में घिर गया। डोटासरा के भाजपा पर आरोपों, किरोड़ीलाल मीणा पर कटाक्ष और सहारण के कांग्रेसीकरण के आरोपों ने इसे और चर्चा का विषय बना दिया। समारोह के दौरान उठाए गए मुद्दों ने राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ दे दिया है, जो आने वाले चुनावों में भी प्रभावी रह सकता है।

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