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इनपुट कॉस्ट बढ़ने से हुंडई की कारें नए साल से ₹25,000 तक महंगी

इनपुट कॉस्ट बढ़ने से हुंडई की कारें नए साल से ₹25,000 तक महंगी

मनीषा शर्मा।  नए साल की शुरुआत में कार खरीदने की योजना बना रहे लोगों को अब अपनी जेब पर थोड़ा और भार उठाना पड़ेगा। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2025 से कंपनी के सभी मॉडल्स की कीमतों में ₹25,000 तक की बढ़ोतरी की जाएगी। कंपनी ने यह कदम इनपुट लागत, एक्सचेंज रेट, और लॉजिस्टिक्स में हुई बढ़ोतरी के कारण उठाया है।

कीमतों में बढ़ोतरी का कारण

हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के होल-टाइम डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी ने अब तक बढ़ी हुई लागत का अधिकतर भार खुद वहन किया है ताकि ग्राहकों पर इसका असर न पड़े। लेकिन लागत में लगातार हो रही वृद्धि और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण कीमतों में इस मामूली बढ़ोतरी को लागू करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी हमेशा ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता देती है। कीमतों में यह वृद्धि कंपनी को अपनी बढ़ी हुई लागतों को संतुलित करने में मदद करेगी और ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी।

बिक्री और मुनाफे में गिरावट

हाल के महीनों में हुंडई की बिक्री और मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई है। नवंबर 2024 में कंपनी ने कुल 61,252 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल की तुलना में 7% कम है। नवंबर 2023 में यह आंकड़ा 65,801 था। घरेलू बाजार में यह गिरावट 2% रही, जबकि एक्सपोर्ट में 20% की कमी आई। कंपनी ने नवंबर 2024 में घरेलू बाजार में 48,246 गाड़ियां बेचीं, जबकि पिछले साल यह संख्या 49,451 थी। वहीं, विदेशी बाजार में कंपनी ने इस साल नवंबर में 13,006 गाड़ियों का निर्यात किया, जो पिछले साल के 16,350 के मुकाबले काफी कम है।

वित्तीय प्रदर्शन

जुलाई-सितंबर 2024 की तिमाही में कंपनी का मुनाफा 16.5% घटकर ₹1,375 करोड़ रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह ₹1,628 करोड़ था। ऑपरेशनल रेवेन्यू भी 7.39% कम होकर ₹17,260 करोड़ रहा, जो पिछले साल ₹18,639 करोड़ था। कंपनी की कुल आय में भी 8.34% की गिरावट दर्ज की गई। जुलाई-सितंबर 2024 की तिमाही में हुंडई इंडिया की कुल आय ₹17,452 करोड़ रही, जबकि पिछले साल यह ₹19,042 करोड़ थी।

ग्लोबल मार्केट और भारतीय बाजार में चुनौतियां

हुंडई की बिक्री और मुनाफे में गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ग्लोबल मार्केट में आर्थिक अनिश्चितता और भारत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा प्रमुख कारण हैं। अन्य कार निर्माता कंपनियां अपने उत्पादों के साथ आक्रामक तरीके से भारतीय बाजार में उतर रही हैं, जिससे ग्राहकों के पास विकल्प बढ़ गए हैं। इसके अलावा, उत्पादन लागत में बढ़ोतरी, एक्सचेंज रेट का प्रभाव, और वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन की समस्याएं भी कंपनी के लिए चुनौती बन रही हैं।

ग्राहकों पर प्रभाव

हुंडई की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। नई दरें लागू होने के बाद, जो ग्राहक कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। हालांकि, कंपनी ने इस वृद्धि को “मामूली” बताया है, लेकिन भारतीय बाजार में बढ़ती महंगाई और ग्राहकों की क्रय शक्ति को देखते हुए यह बढ़ोतरी महत्वपूर्ण है।

हुंडई का भारतीय बाजार में प्रभाव

हुंडई मोटर इंडिया भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। कंपनी के पास विभिन्न सेगमेंट्स में कई लोकप्रिय मॉडल्स हैं, जैसे क्रेटा, वेन्यू, और आई20, जो ग्राहकों के बीच काफी पसंद किए जाते हैं। लेकिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं के कारण कंपनी को अपने उत्पादों और सेवाओं में निरंतर सुधार करना पड़ रहा है।

भविष्य की योजनाएं

हुंडई ने घोषणा की है कि वह अपने उत्पादों की गुणवत्ता और तकनीकी उन्नति पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी। कंपनी ग्राहकों को बेहतर सेवाएं और उत्पाद देने के लिए नई तकनीकों और फीचर्स पर काम कर रही है। इसके अलावा, हुंडई अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पोर्टफोलियो को भी बढ़ाने की योजना बना रही है, जो भविष्य में कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र साबित हो सकता है।

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