मनीषा शर्मा। राजस्थान के बारां जिले में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अब उन्हें आरजीएचएस योजना के तहत दवाइयां नहीं मिलेंगी। जिले के मेडिकल स्टोर संचालकों ने इस योजना के तहत दवाइयों की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है। इसका कारण यह है कि सरकार द्वारा मेडिकल स्टोर्स के बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे संचालकों के लाखों रुपये बकाया हो गए हैं।
राज्यभर में 4500 केमिस्ट के करीब 600 करोड़ रुपये बकाया हो गए हैं, जिनमें से केवल बारां जिले में ही 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है। संचालकों का कहना है कि वे खुद उधार लेकर दवाइयां मंगवा रहे हैं और इस स्थिति में और अधिक उधार देना उनके लिए संभव नहीं है।
इस फैसले का सीधा असर जिले के करीब 80,000 लाभार्थियों पर पड़ेगा, जिनमें सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके परिवार शामिल हैं। पेंशनर्स समाज के जिलाध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने बताया कि अब तक दवाइयां मिलने में कोई खास परेशानी नहीं थी, लेकिन अब स्थिति गंभीर हो सकती है।
हालांकि, सहकारी समितियों द्वारा संचालित मेडिकल स्टोर्स पर दवाइयां मिल सकेंगी, लेकिन ये स्टोर्स हर जगह उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण से पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों को खासा संघर्ष करना पड़ सकता है। बारां क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार केदारमल मीना ने कहा है कि सहकारी दुकानों पर दवाइयों की आपूर्ति दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे।
सरकारी विभागों को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समाधान ढूंढने की आवश्यकता है ताकि लाखों लाभार्थियों को राहत मिल सके।