शोभना शर्मा। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने जोधपुर में एम्स (AIIMS) में पीजी स्टूडेंट्स के नए बैच के सत्र के शुभारंभ के मौके पर डॉक्टरों को संबोधित किया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उसकी क्षमताओं पर चर्चा करते हुए कहा कि AI भले ही सीटी स्कैन को पढ़ सकता है, लेकिन मरीज को समझने की कला सिर्फ डॉक्टरों के पास ही होगी।
डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा कि AI का एल्गोरिदम सूचना को एकत्रित कर उसका विश्लेषण करने और उसे प्रस्तुत करने की अद्भुत क्षमता रखता है। लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या यह तकनीक अनुभव में प्रशिक्षित मानव की क्षमता को मात दे सकती है। उनके अनुसार, एक डॉक्टर के पास सिर्फ जानकारी नहीं होती, बल्कि मरीज को समझने और महसूस करने की एक अनोखी कला होती है, जिसे AI कभी नहीं पा सकता।
चिकित्सा में AI का प्रभाव और डॉक्टरों की चुनौती
डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा कि आज के समय में सूचना का अधिकार और ज्ञान आम जनता के बीच फैल चुका है। लोग अपने डॉक्टरों से सवाल करने लगे हैं क्योंकि वे इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर खुद को जानकार समझने लगे हैं। यह डॉक्टरों के लिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब उन्हें सिर्फ मरीजों को ही नहीं समझाना है, बल्कि अत्यधिक सूचित लोगों का विश्वास भी जीतना है।
डॉक्टरों को दी गई तीन महत्वपूर्ण सीख
डॉ. चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में डॉक्टरों को तीन प्रमुख बातें बताईं जिन्हें उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए:
परोपकार (Beneficence):
चिकित्सा का सबसे बड़ा सिद्धांत परोपकार है। डॉक्टरों को अपने ज्ञान, अनुभव और संवाद कौशल का उपयोग हमेशा मानवता की सेवा में करना चाहिए। उनकी चिकित्सा से मरीजों को लाभ मिलना चाहिए और इसका उद्देश्य सिर्फ पैसे कमाना नहीं होना चाहिए।गैर हानिकारकता (Non-Maleficence):
डॉक्टरों को हर परिस्थिति में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका उपचार मरीज के लिए हानिकारक न हो। केवल राजस्व के लक्ष्य को पूरा करने के लिए या अनावश्यक उपचार का सुझाव देना नैतिक रूप से गलत है।सेवा, व्यवसाय नहीं (Service, Not Business):
डॉक्टरों को सेवा की भावना से काम करना चाहिए। सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में काम करते हुए भी, उनका उद्देश्य मरीज को सही दवा और उपचार देना होना चाहिए। कमाई करना नहीं, बल्कि सेवा करना ही असली उद्देश्य होना चाहिए।
AI और डॉक्टरों के बीच अंतर
डॉ. चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि AI सूचना को एकत्र कर उसका विश्लेषण कर सकता है, लेकिन मरीज के मन और शरीर को महसूस करने की क्षमता केवल एक डॉक्टर के पास ही होती है। इसलिए डॉक्टरों को चाहिए कि वे अपने कौशल और सेवा के प्रति सच्चाई के साथ जुड़े रहें।