शोभना शर्मा। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को शासन सचिवालय स्थित पंचायतीराज सभागार में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षा प्रणाली में सुधार और संस्कारयुक्त शिक्षा के महत्व पर बल दिया। इस बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, और शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे विद्यार्थियों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों और संस्कारों का भी समावेश करें।
आदर्श व्यवहार पर जोर
मंत्री ने कहा कि शिक्षकों सहित सभी विभागीय कार्मिकों को आदर्श व्यवहार अपनाने की आवश्यकता है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच बेहतर संवाद और व्यवहारिक आदर्शों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गुणवत्ता और संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए समुचित प्रयास आवश्यक हैं।
शिक्षा विभाग के लिए विशेष निर्देश
मदन दिलावर ने शिक्षा विभाग के कार्यों और कार्मिकों के आचरण को बेहतर बनाने के लिए कई निर्देश दिए। इनमें शामिल हैं:
आचरण और कार्यशैली के आधार पर ग्रेडिंग: अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की कार्यशैली और व्यवहार की नियमित समीक्षा कर ग्रेडिंग की जाएगी।
परिचय पत्र की अनिवार्यता: सभी कार्मिकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को परिचय पत्र गले में पहनना अनिवार्य किया गया है।
व्यावसायिक शिक्षा में नवीनतम तकनीक का समावेश: व्यावसायिक शिक्षा में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में नोडल अधिकारियों की तैनाती: जिलेवार नोडल अधिकारियों को प्रतिमाह दो दिन ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम कर फीडबैक देने को कहा गया है।
घुमंतू परिवारों के बच्चों की शिक्षा: ऐसे परिवारों के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
आगामी शिक्षा सत्र में पाठ्यपुस्तकों की समय पर उपलब्धता
शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आगामी शिक्षा सत्र के लिए 5 जुलाई तक सभी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करवा दी जाएं। इसके लिए कड़े कदम उठाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की देरी से बचा जा सके।
स्कूल भवनों की स्टैंडर्ड डिज़ाइन और कलर कोड
विद्यालय भवनों की गुणवत्ता और एकरूपता बनाए रखने के लिए विभाग ने स्टैंडर्ड डिज़ाइन और कलर कोड निर्धारित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सहित अन्य आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों के अप-डाउन की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
कक्षा 1 से 5 के पाठ्यक्रम में स्थानीय परिदृश्य पर ध्यान
शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने बैठक में कहा कि कक्षा 1 से 5 के पाठ्यक्रम में स्थानीय परिदृश्य को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे बच्चों को अपने गांव और परिवेश के बारे में गहन जानकारी मिल सकेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता वाले विद्यालयों में कक्षा-कक्ष निर्माण के लिए प्रस्ताव मनरेगा को भेजने का भी निर्देश दिया गया।
व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार
शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक किट और शिक्षण सामग्री का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए।
विभागीय कार्यों की समय सीमा तय
शिक्षा विभाग ने सभी कार्यों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, निजी विद्यालयों की मान्यता के प्रकरणों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
शिक्षा में संस्कार और गुणवत्ता का समन्वय
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि शिक्षा का उद्देश्य न केवल अकादमिक प्रगति है, बल्कि विद्यार्थियों में नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के भाव भी जागृत करना है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण देने और उसके प्रभाव का आकलन करने के लिए भी समीक्षा की जाएगी।