राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूल शिक्षकों के अनुशासन और आचरण को लेकर तीखी टिप्पणी की है। नीमकाथाना के नृसिंहपुरी गांव में उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में बुधवार को दिलावर ने शिक्षकों के पहनावे और आचरण पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक-शिक्षिकाएं अनुचित पहनावे के साथ स्कूल में आते हैं, जिससे विद्यार्थियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को सही संस्कार देने के लिए शिक्षकों को ऐसा आचरण अपनाना चाहिए, जो बच्चों के लिए अनुकरणीय हो। “शिक्षक-शिक्षिका को अपने पहनावे पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमें अपने आचरण और पहनावे से ही बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा करने चाहिए,” उन्होंने कहा।
दिलावर ने यह भी कहा कि कई शिक्षक अनुशासन का उल्लंघन करते हुए नशे की हालत में स्कूल आते हैं, जो विद्यार्थियों के लिए एक खराब उदाहरण है। उन्होंने इसे ‘बच्चों का दुश्मन’ और ‘शिक्षक की मर्यादा के विपरीत’ बताया। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे ऐसा आचरण अपनाएं कि बिना कुछ कहे भी बच्चे उनसे प्रेरणा ले सकें।
उन्होंने शिक्षकों को चेतावनी दी कि गाली-गलौच और अभद्र भाषा का प्रयोग बच्चों के सामने न करें, क्योंकि इसका असर बच्चों के संस्कारों पर पड़ता है। मंत्री ने कहा कि शिक्षकों का सही समय पर स्कूल पहुंचना आवश्यक है, ताकि बच्चों को समय का महत्व समझ आए।
मदन दिलावर ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि पूजा-पाठ के नाम पर स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति को रोका जाएगा। “हम बच्चों को शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को वेतन देते हैं, न कि पूजा-पाठ के लिए। यदि कोई शिक्षक स्कूल के समय में धार्मिक गतिविधियों के नाम पर छुट्टी लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
इस अवसर पर दिलावर ने यह भी कहा कि शिक्षकों को नशा मुक्त रहना चाहिए और अनुशासित व्यवहार के जरिए बच्चों में अच्छे संस्कार डालने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ऐसे शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करेगी जो अनुशासनहीनता करते हैं और बच्चों के लिए खराब उदाहरण बनते हैं।