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अजमेर में ईद मिलादुन्नबी का जुलूस, ढाई दिन के झोपड़े से हुई शुरुआत

अजमेर में ईद मिलादुन्नबी का जुलूस, ढाई दिन के झोपड़े से हुई शुरुआत

मनीषा शर्मा। अजमेर में सोमवार को इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस के अवसर पर ईद मिलादुन्नबी का जुलूस धूमधाम से निकाला गया। सूफी इंटरनेशनल के तत्वावधान में निकाला गया यह जुलूस अजमेर के प्रसिद्ध ढाई दिन के झोपड़े से शुरू हुआ। जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया और इसे लेकर पूरे शहर में खासा उत्साह देखने को मिला।

जुलूस शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो, इसके लिए जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। दरगाह और आसपास के क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाया, ताकि जुलूस में किसी भी प्रकार की अशांति न हो। साथ ही, लोगों से अपील की गई कि वे जुलूस में कम से कम वाहनों का उपयोग करें और अधिक से अधिक पैदल चलें।

जुलूस का मार्ग और आयोजन

जुलूस की शुरुआत ढाई दिन के झोपड़े से हुई और यह अंदर कोट, त्रिपोलिया गेट, कमानी गेट होते हुए दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट पहुंचा। इसके बाद जुलूस दरगाह बाजार, मोती कटला, धान मंडी, दिल्ली गेट, गंज और फव्वारा चौराहा होते हुए ऋषि घाटी स्थित चिल्ला कुतुब साहब पहुंचा। यहां पर पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में सलातो सलाम पेश किए गए और देश में अमन, शांति और भाईचारा कायम रखने के लिए दुआ मांगी गई।

जुलूस के दौरान शहरभर में जगह-जगह इसे देखने और स्वागत करने वालों की भीड़ लगी रही। लोग रास्ते में फूलों की वर्षा कर जुलूस का स्वागत कर रहे थे। अजमेर की दरगाह और आसपास का क्षेत्र इस दौरान उत्सवी माहौल में डूबा रहा।

रातभर की गई इबादत

ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर रविवार की रात को ख्वाजा गरीब नवाज साहब की दरगाह सहित अजमेर की विभिन्न मस्जिदों में अकीदतमंदों ने रातभर इबादत की। मोहम्मद साहब की शान में सलातो सलाम और नात पेश किए गए। अकीदतमंदों ने मोहम्मद साहब के पैगाम और उनकी शिक्षाओं का स्मरण करते हुए रातभर इबादत की और अमन और भाईचारे के लिए दुआ की।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

ईद मिलादुन्नबी के इस जुलूस को लेकर प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। दरगाह और अन्य प्रमुख स्थलों पर पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, जुलूस मार्ग पर जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात थे और यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए थे। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और सभी व्यवस्थाएं शांतिपूर्ण तरीके से संचालित हों।

अमन और भाईचारे की दुआ

जुलूस का समापन ऋषि घाटी स्थित चिल्ला कुतुब साहब पर हुआ, जहां पर पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में सलातो सलाम पेश किया गया। इसके बाद देश में अमन और भाईचारा बनाए रखने के लिए विशेष दुआ की गई। इस अवसर पर सभी धर्मों के लोगों ने भी एकत्र होकर शांति और सद्भाव के संदेश को आगे बढ़ाया।

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