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ऊर्जा मंत्री का सख्त निर्देश: “शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं

ऊर्जा मंत्री का सख्त निर्देश: “शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं

मनीषा शर्मा। राजस्थान में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बिजली सेवाओं के विकास, विस्तार और सुधार के लिए सरकार के दृष्टिकोण और कड़े निर्देशों को स्पष्ट किया। नागौर में अजमेर डिस्कॉम के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर दिया। ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि प्रदेश सरकार, विशेषकर सौर ऊर्जा क्षेत्र में, राजस्थान को देश में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में सतत प्रयास कर रही है।

ऊर्जा मंत्री ने इस प्रयास के लिए विभागीय अधिकारियों को कार्य के प्रति समर्पित रहने का आह्वान किया और कहा कि बिजली की सुविधाओं की उपलब्धता में शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम जन की सेवा में किसी भी प्रकार की बाधा आने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत सेवाओं में सुधार पर दिया बल

बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि नागौर वृत के खींवसर क्षेत्र में दो नए 33/11 केवी सब स्टेशन, खजवाना-2 और गोदारों की ढाणी की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है। इन परियोजनाओं पर 2.20 करोड़ और 1.53 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। खजवाना गांव के किसानों और आसपास के क्षेत्रों को इसका लाभ मिलेगा, जिससे कृषि उपभोक्ताओं को लॉ वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी।

गोदारों की ढाणी सब स्टेशन से 3.15 एमवी पावर ट्रांसफार्मर के लगने से आसपास के गांव जैसे खीचड़ो की ढाणी, कुड़छी, और मगरा आदि को पर्याप्त बिजली मिल सकेगी। नागर ने बताया कि खींवसर क्षेत्र में महेशपुरा और भुण्डेल सब स्टेशनों की भार क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। महेशपुरा में 1.13 करोड़ और भुण्डेल में 0.63 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।

सौभाग्य योजना में ढील के निर्देश

मंत्री नागर ने बताया कि सौभाग्य योजना में लंबित 2,500 कनेक्शनों के वितरण के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं। पूर्व में, अधिकतम लागत 45,000 रुपये प्रति कनेक्शन से अधिक होने के कारण कई कनेक्शन नहीं दिए जा सके थे। अब तकमीना में ढील दी गई है, जिससे खींवसर और मुण्डवा क्षेत्र में जल्द ही कनेक्शन जारी किए जा सकेंगे। साथ ही, 132 केवी करनूं जीएसएस के प्रस्ताव को भी स्वीकृति के लिए भेजा गया है।

बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश

ऊर्जा मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को जनता के प्रति उत्तरदायित्व निभाने और बिजली सेवाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। नागर ने कहा कि बिजली सेवाओं के लिए आवश्यक संसाधनों की समय पर उपलब्धता होनी चाहिए और जहां भी वोल्टेज समस्या उत्पन्न हो, तुरंत समाधान किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेवा में लापरवाही या शिथिलता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिजली से संबंधित शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए विभाग को आदेश दिए गए हैं, और कहा गया कि शिकायतें सर्वाधिक प्राथमिकता के साथ हल की जाएं। उन्होंने कहा कि विद्युत सेवाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रदेश में सौर ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता

ऊर्जा मंत्री ने मीडिया से संवाद के दौरान बताया कि राजस्थान सौर ऊर्जा क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में है। इस दिशा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से इन योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने और जरूरतमंदों को इसका लाभ दिलाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली कनेक्शनों के लंबित आवेदनों को प्राथमिकता से निस्तारित किया जाए।

ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए किए जा रहे हैं प्रयास

बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री नागर ने अजमेर डिस्कॉम के निदेशक (तकनीकी) मुकेशचंद बालदी और नागौर के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार चौधरी के साथ नागौर जिले में बिजली सेवाओं की समीक्षा की। नागर ने कहा कि सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राज्य सरकार ने कई परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों के लिए जरूरी सामान की तुरंत उपलब्धता सुनिश्चित करें, जिससे काम में किसी भी प्रकार की देरी न हो।

 

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