मनीषा शर्मा। राजस्थान में EO-RO भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक मामले में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने शुक्रवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से दो आरोपी सरकारी कर्मचारी हैं। एसओजी टीम ने तीनों को कोर्ट में पेश कर चार दिन का रिमांड लिया है। अब तक इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एडीजी (एटीएस और एसओजी) वीके सिंह ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपी हैं:
- दीपक प्रजापत (24) पुत्र मुरलीधर, निवासी कुचेरा, नागौर।
- रामप्रकाश (26) पुत्र राधाकिशन, निवासी कुचेरा, नागौर।
- विकेश कुमार मान (28) पुत्र सोहन लाल, निवासी लुणकरणसर, बीकानेर।
रामप्रकाश उदयपुर कोर्ट में एलडीसी ग्रेड सेकेंड के पद पर कार्यरत हैं, जबकि विकेश कुमार मान जालोर डीजे कोर्ट में लिपिक ग्रेड सेकेंड के पद पर कार्यरत हैं।
ब्लूटूथ डिवाइस से करवाई चीटिंग
आरोपियों ने RPSC द्वारा आयोजित EO-RO भर्ती परीक्षा-2022 में चीटिंग के लिए ब्लूटूथ डिवाइस और सिमकार्ड का इस्तेमाल किया। आरोपी दीपक प्रजापत ने ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करके परीक्षा पास की, जबकि रामप्रकाश और विकेश कुमार ने उसे मोबाइल सिमकार्ड और डिवाइस उपलब्ध कराई।
पात्रता जांच के दौरान खुलासा
RPSC ने 14 मई 2023 को EO (राजस्व अधिकारी) और RO (अधिशासी अधिकारी) ग्रेड-2 और चतुर्थ लेवल की परीक्षा आयोजित की थी। यह परीक्षा प्रदेशभर में दो पारियों में हुई थी। लिखित परीक्षा के बाद 111 चयनित अभ्यर्थियों को दिसंबर 2023 में काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। काउंसलिंग के दौरान दस्तावेजों की जांच में कुछ गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद आरपीएससी ने जांच शुरू की।
जांच के दौरान पता चला कि परीक्षा में कई अभ्यर्थियों ने बाल्टू डिवाइस का उपयोग कर नकल की थी। इसके बाद एसओजी ने इस केस की जांच शुरू की और अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
अब तक की कार्रवाई
एसओजी ने इस मामले में विभिन्न जिलों में छापेमारी कर संदिग्धों को पकड़ा।
नागौर जिले में 9 टीमों ने छापा मारकर 5 संदिग्धों को पकड़ा।
चूरू जिले में 2 टीमों ने एक संदिग्ध युवती को हिरासत में लिया।
जयपुर में एक युवती को गिरफ्तार किया गया।
हनुमानगढ़ में 2 युवकों को पकड़ा गया।
बीकानेर जिले में 8 टीमों ने 8 संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिसमें एक युवती भी शामिल थी।
जोधपुर जिले में 4 टीमों ने 4 संदिग्धों को पकड़ा, जिसमें 2 युवतियां शामिल थीं।
सीकर जिले में एक टीम ने 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
कैसे हुआ पेपर लीक का षड्यंत्र?
जांच में सामने आया कि परीक्षा के दौरान पोरव कालेर और तुलछाराम कालेर नामक व्यक्तियों ने अभ्यर्थियों को बाल्टू डिवाइस के जरिए उत्तर उपलब्ध करवाए। इस डिवाइस को कान में छुपाकर रखा जाता है, जिससे चीटिंग करना आसान हो जाता है।
पेपर लीक मामलों में बढ़ रही चिंता
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में पेपर लीक के कई मामले सामने आए हैं। यह न केवल प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी गहरा असर डालता है। EO-RO पेपर लीक केस इस बात का एक और उदाहरण है कि किस तरह तकनीकी उपकरणों का दुरुपयोग कर परीक्षाओं में धांधली की जा रही है।