शोभना शर्मा, अजमेर। एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में राजस्थान की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के सामने पांच ट्रेनी एसआई – शोभा, देवेश, मंजू, अविनाश और विजेंद्र – लगातार गुमराह करने वाले जवाब दे रहे हैं। ये सभी आरोपी रिमांड पर हैं, और इनके सवालों के गोलमोल जवाब एसओजी की जांच में सही साबित नहीं हुए हैं। एसओजी ने इन जवाबों की पुष्टि की और पाया कि सभी झूठे हैं। खासकर, ट्रेनी एसआई मंजू ने एसओजी को अपने घर का पता तक गलत बताया।
धीमी आवाज में बयान, ताकि रिकॉर्ड न हो
पूछताछ के दौरान एसओजी आरोपियों के बयान रिकॉर्ड कर रही है, लेकिन कैमरे के सामने आते ही ट्रेनी एसआई जानबूझकर धीमी आवाज में जवाब देने लगते हैं ताकि उनके बयान ठीक से रिकॉर्ड न हो सकें। एसओजी बार-बार धीरे बोलने पर उन्हें टोक रही है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा।
पैसों की व्यवस्था के सवाल पर गोलमोल जवाब
एसओजी ने जब पूछा कि एसआई पेपर के लिए पैसों की व्यवस्था कैसे की गई, तो किसी ने कहा कि एग्रीकल्चर लोन लिया, तो किसी ने बताया कि जमीन बेचकर पैसे का इंतजाम किया। यहां तक कि एक आरोपी ने कहा कि दादा ने पैसे का इंतजाम किया। जब एसओजी ने इन सभी दावों की जांच की, तो एक भी जवाब सही नहीं निकला।
खातों में हुए ट्रांजैक्शन को लेकर झूठ
ट्रेनी एसआई के बैंक खातों में हुए संदिग्ध ट्रांजैक्शन के सवाल पर भी झूठे जवाब मिले। एक आरोपी ने कहा कि उसने रिश्तेदार से उधार लिया था, दूसरे ने बताया कि बैंक से लोन लिया, जबकि तीसरे ने दावा किया कि उसका रिश्तेदार विदेश से पैसे भेजता है। जब एसओजी ने इन सभी दावों की जांच की, तो सभी गलत साबित हुए।
मंजू ने पांच बार बताया गलत पता
ट्रेनी एसआई मंजू ने एसओजी को अपने घर का पता पांच बार अलग-अलग बताया। जब एसओजी की टीम मंजू द्वारा बताए गए पते पर पहुंची, तो पता चला कि वह घर उसका है ही नहीं। इसी तरह, बिजेंद्र के घर की तलाशी के दौरान एक डायरी मिली, जिसमें 20 लाख रुपए का हिसाब दर्ज था। एसओजी की पूछताछ में बिजेंद्र यह नहीं बता पाया कि यह 20 लाख कहां से आए और किसे दिए गए।
आरपीएससी से मिली अहम जानकारियां
एसओजी की टीम ने नौ सितंबर को बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका के साथ उनके बेटे देवेश और बेटी शोभा को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का दौरा किया। वहां करीब 10 घंटे तक चली तलाशी के दौरान एसओजी टीम ने ट्रेनी एसआई के मार्कशीट, परीक्षा फॉर्म और इंटरव्यू रिकॉर्ड्स जब्त किए। एसओजी अब इन दस्तावेजों के आधार पर आगे की पूछताछ करेगी।
आरपीएससी के दस्तावेजों से नए खुलासे
आरपीएससी से मिले दस्तावेजों में कई नए खुलासे हो रहे हैं। एसओजी को संदेह है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में आरपीएससी के अन्य सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। एसओजी ने उनके रिकॉर्ड्स भी जब्त किए हैं और उनकी जांच की जा रही है। बाबूलाल कटारा पर आरोप है कि उसने अन्य भर्तियों में भी धांधली की है, और एसओजी अब उन भर्तियों की भी जांच कर रही है।
बाबूलाल कटारा और अन्य आरोपियों की रिमांड
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि ट्रेनी एसआई शोभा और देवेश राईका ने स्वीकार किया है कि उनके पिता रामूराम राईका ने उन्हें एसआई का पेपर दिलवाया था। रामूराम ने भी कबूल किया कि बाबूलाल कटारा ने पेपर की व्यवस्था की थी। हालांकि, कटारा ने अब तक यह नहीं बताया कि वह पेपर कहां से लाया था। 10 सितंबर को कोर्ट ने बाबूलाल कटारा को तीन दिन के रिमांड पर भेजा, जबकि रामूराम राईका, उसके बेटे देवेश, बेटी शोभा, मंजू, अविनाश, विजेंद्र और पेपर दिलाने वाली रितु, अनिल और अर्जुन को दो दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है। एसओजी की टीम अब इन सभी से दोबारा पूछताछ करेगी और पेपर लीक मामले के अन्य संदिग्धों की पहचान करेगी।
एसओजी के लिए अगला कदम
एसओजी की टीम इस मामले की तह तक जाने के लिए आरोपियों के बयानों, बैंक खातों के ट्रांजैक्शन, आरपीएससी दस्तावेजों और अन्य सबूतों की गहन जांच कर रही है। बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका के कबूलनामे के बाद एसओजी को उम्मीद है कि वह जल्द ही इस फर्जीवाड़े के सभी सूत्रधारों को पकड़ सकेगी। एसआई पेपर लीक मामले में लगातार नए मोड़ आ रहे हैं, और एसओजी का फोकस इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करना है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।