शोभना शर्मा। राजस्थान के बारां जिले में सोमवार को धाकड़, मालव और किराड़ समाज के लोगों ने एकजुट होकर उग्र प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में लोग बारां के धाकड़ छात्रावास में एकत्र हुए और शहर में रैली निकालते हुए जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया। यह प्रदर्शन भाजपा नेता पप्पू धाकड़ पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि हमले में शामिल सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। समाज के लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
धाकड़ समाज का आक्रोश और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
धाकड़ महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रविकुमार नागर ने कहा कि धाकड़ समाज शांति में विश्वास रखता है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और नेताओं के रवैये के कारण समाज को सड़कों पर उतरना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और नेताओं की निष्क्रियता के कारण स्थिति बिगड़ रही है। नागर ने सवाल उठाते हुए कहा, “कौन सी किताब में लिखा है कि नेताओं और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती?”
पप्पू धाकड़ की हालत गंभीर
छीपाबड़ौद क्षेत्र के भाजपा नेता पप्पू धाकड़ पर 5 जनवरी को जानलेवा हमला हुआ था। हमले में उन्हें गंभीर चोटें आईं, और उनके शरीर पर 15 जगहों पर फ्रैक्चर हो गए। समाज के लोगों का आरोप है कि यह हमला राजनीतिक दुश्मनी के तहत किया गया। पप्पू धाकड़ ने छबड़ा विधानसभा से दावेदारी पेश की थी, और इसी को लेकर उनकी राजनीति समाप्त करने के उद्देश्य से उन पर हमला किया गया।
समाज की सीबीआई जांच की मांग
प्रदर्शन के दौरान धाकड़ समाज ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। किराड़ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम मेहता ने कहा कि हमले को हुए 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उन्होंने प्रशासन पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक प्रताप सिंह सिंघवी की शह पर आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
प्रदर्शन का उद्देश्य और आगे की योजना
प्रदर्शन में शामिल समाज के लोगों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। धाकड़ समाज के सदस्य डीपी धाकड़ ने बताया कि राजस्थान के 12 जिलों से सर्व धाकड़ समाज के लोग एकजुट हुए हैं। उनका कहना है कि पप्पू धाकड़ समाजसेवी हैं और उन पर हमला कर उनके हाथ-पैर तोड़ दिए गए। परिवार के लोगों ने जिन दो हमलावरों को पकड़ा था, उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
राजनीतिक दबाव और न्याय की मांग
समाज के सदस्यों का आरोप है कि स्थानीय विधायक और राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। उनका कहना है कि विधायक प्रताप सिंह सिंघवी पर भी आरोप हैं, लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई करने से बच रही है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि जांच के दौरान यह साफ किया जाए कि हमलावरों को किसने समर्थन दिया और किसके इशारे पर यह हमला हुआ।
प्रशासन की स्थिति और जांच
पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर विधायक प्रताप सिंह सिंघवी समेत अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच सीआईडी द्वारा की जा रही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जांच में देरी हो रही है। समाज के लोगों ने यह साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आने वाले समय में विरोध और तेज होगा।